Article 35A: Kashmir में 500 नेताओं को लिया गया था एहतियातन हिरासत में
राजनीतिक दलों के लगभग 500 नेताओं को एहतियातन हिरासत में लिया गया या फिर उन्हें नजरबंद किया गया था। अधिकांश नेताओं को उनके घरों के आस-पास ही हिरासत में रखा गया था।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 पांच अगस्त को लागू करने से पूर्व प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पूर्व जम्मू कश्मीर राज्य में अलगाववादियों को हिरासत में लेने के अलावा बड़ी संख्या में ट्रेड यूनियन नेताओं और मुख्यधारा की राजनीति करने वाले गैर भाजपा दलों के सभी प्रमुख नेताओं व कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया था।
नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस, पीडीपी, माकपा, पीपुल्स कांफ्रेंस, अवामी इत्तेहाद पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट, अवामी नेशनल कांफ्रेंस समेत विभिन्न गैर भाजपा राजनीतिक दलों के लगभग 500 नेताओं को एहतियातन हिरासत में लिया गया या फिर उन्हें नजरबंद किया गया था। अधिकांश नेताओं को उनके घरों के आस-पास ही हिरासत में रखा गया था।
अलबत्ता, शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के परिसर में स्थित सेंटूर होटल सब जेल में शुरू में 57 नेताओं को रखा गया था। उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को पहले क्रमश: हरि निवास व चश्मा शाही में रखा गया। बाद में उमर को उनके घर के पास गुपकार में एक बंगले में रखा गया, जबकि महबूबा को ट्रांसपोर्ट लेन में रखा गया है।
अब सिर्फ नौ नेता ही सबजेल एमएलए हॉस्टल में रहे :
हालात में बेहतरी के आधार पर प्रशासन ने सेंटूर सब जेल में रखे गए नेताओं की रिहाई का क्रम अगस्त माह के अंत में ही शुरू कर दिया था। नवंबर माह के दौरान जब सेंटूर से सबजेल एमएलए हॉस्टल में हिरासत में लिए गए नेताओं को लाया गया तो उनकी तादाद करीब तीन दर्जन रह गई थी। अब सिर्फ नौ नेता ही सबजेल एमएलए हॉस्टल में रह गए हैं। इनमें पीडीपी के नईम अख्तर, अब्दुल रहमान वीरी, पीरजादा मंसूर,जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के शाह फैसल और नेशनल कांफ्रेंस के मुबारक गुल के नाम उल्लेखनीय हैं।