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खिदमत केंद्रों को जेके बैंक लघु शाखाओं में बदलें

जागरण संवाददाता, जम्मू : राज्य में वर्ष 2009 में खुले खिदमत केंद्रों को जम्मू-कश्मीर बैंक की लघ्

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 06:00 AM (IST)
खिदमत केंद्रों को जेके बैंक लघु शाखाओं में बदलें
खिदमत केंद्रों को जेके बैंक लघु शाखाओं में बदलें

जागरण संवाददाता, जम्मू : राज्य में वर्ष 2009 में खुले खिदमत केंद्रों को जम्मू-कश्मीर बैंक की लघु शाखाओं में बदलने की मांग को लेकर संघर्षरत संचालकों ने शुक्रवार को प्रदर्शनी मैदान के बाहर धरना दिया। संचालकों ने जम्मू-कश्मीर बैंक प्रबंधन पर खिदमत केंद्रों को क्रियाशील न बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बैंक प्रबंधन ने 1300 प्रशिक्षित युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।

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जेएंडके खिदमत सेंटर एसोसिएशन ने कहा कि प्रशासनिक अनदेखी के कारण आज ये खिदमत केंद्र खाली पड़े है। वर्ष 2009 में यह केंद्र खोले गए और चयन प्रक्रिया के बाद बाकायदा इंटरव्यू लेकर युवाओं को यह केंद्र चलाने का लाइसेंस दिया गया। युवा उद्यमी बनने व स्वयं रोजगार स्थापित करने का सपना लेकर आए थे लेकिन आज उनके हाथ खाली है। इन केंद्रों की दयनीय हालत को देखते हुए जेएंडके बैंक ने वर्ष 2012 में यह वायदा किया था कि इन केंद्रों को बैंक की लघु शाखाओं में परिवर्तित किया जाएगा और बिजली-पानी बिल अदायगी समेत अन्य कार्य इन्हीं केंद्रों से होंगे ताकि युवाओं को कुछ आमदनी हो सके। अब अज्ञात कारणों से बैंक अपने वायदे से पीछे हट रहा है। इसके अलावा वर्ष 2011 में सरकार ने खिदमत केंद्रों को आर्थिक सहायता मुहैया करवाने को लेकर आदेश भी जारी किया था लेकिन आज तक यह सहायता भी केंद्र संचालकों को मुहैया नहीं करवाई गई। एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि प्रशासन के रवैये से साफ है कि वह स्वयं इन केंद्रों को बंद करवाने पर तुली है।

बैंक की नौकरियों में आरक्षण की मांग करते हुए एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि खिदमत केंद्रों के संचालक पिछले एक दशक से बैंक के साथ जुड़े है, लिहाजा उन्हें कुछ प्राथमिकता अवश्य मिलनी चाहिए। बैंक की ओर से नई नियुक्तियों के लिए हाल ही में जारी अधिसूचना का विरोध करते हुए एसोसिएशन के सदस्यों ने इस अधिसूचना को खारिज करते हुए खिदमत केंद्र के संचालकों को बैंक में रोजगार देने की मांग की। एसोसिएशन ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से हस्तक्षेप करने व 1300 से अधिक युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की मांग भी की।


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