हरियाणा में कश्मीर छात्रों की पिटाई पर बिफरा विपक्ष
राज्य ब्यूरो, जम्मू : हरियाणा में कश्मीर के सोपोर के रहने वाले युवक की पिटाई पर बिफरे विप
राज्य ब्यूरो, जम्मू : हरियाणा में कश्मीर के सोपोर के रहने वाले युवक की पिटाई पर बिफरे विपक्ष ने विधानसभा में हंगामा मचाया। विपक्षी पार्टियों के विधायकों ने ऐसे मामलों पर रोक लगाने के साथ देश के अन्य हिस्सों में पढ़ रहे कश्मीरी विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का मुद्दा उठाया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के मुस्लिम संबंधी बयान के खिलाफ भी सदन में नारे लगे।
सुबह दस बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों के विधायकों ने युवक की पिटाई का मुद्दा उठाया। इसके साथ ही पिछले दिनों हरियाणा के महेन्द्रगढ़ में दो कश्मीरी युवाओं की पिटाई का मुद्दा भी उठा।
विपक्षी विधायकों ने कश्मीर विद्यार्थियों को प्रताड़ित करने पर अंकुश लगाने संबंधी पोस्टर पकड़े हुए थे। उन्होंने गिरिराज की जुबान को लगाम दो, लगाम दो, कातिल सरकार हाय-हाय के नारे बुलंद किए।
प्रदर्शनकारियों में नेकां के अली मोहम्मद सागर, मियां अल्ताफ, मुबारक गुल, देवेन्द्र सिंह राणा, जावेद राणा, कांग्रेस के जीएम सरूरी, उस्मान मजीद, एजाज अहमद खान, माकपा के एमवाई तारीगामी व पीडीपी के हकीम यासीन मुख्य थे।
संसदीय मामलों के मंत्री अब्दुल रहमान वीरी के जवाब से असंतुष्ट विधायक मांग कर रहे थे कि सरकार सदन में प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रपति को भेजे ताकि देश के अन्य हिस्सों के कश्मीर युवाओं और व्यापारियों को प्रताड़ित करने पर रोक लगे। मुख्यमंत्री इस संबंध में आश्वासन दें।
मांगें पूरी न होने पर नारेबाजी करते हुए कांग्रेस, नेकां, माकपा व पीडीएफ के विधायक सदन के बीच आ गए। सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे विधायकों का कहना था कि सरकार अन्य राज्यों में पढ़ रहे कश्मीरी युवाओं की सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं है।
भाजपा शासित राज्यों में पिटाई के अधिकतर मामले सामने आ रहे हैं। राज्य सरकार बताए कि इन्हें रोकने के लिए क्या किया जा रहा है। सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए विपक्ष के विधायक सुबह करीब सवा दस बजे सदन से वाकआउट कर गए।
विधानसभा के बाहर कांग्रेस के जीएम सरूरी, माकपा के मोहम्मद यूसुफ तारीगामी में बढ़ रहे पिटाई के मामलों को एक गंभीर मसला बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में कश्मीरी युवाओं से मारपीट के मामले बढ़ रहे हैं। माकपा विधायक ने कहा कि प्रधानमंत्री कश्मीरी युवाओं को प्रताड़ित करने के मामले में चुप हैं। विपक्षी विधायकों ने कहा कि ऐसी घटनाओं से कश्मीर के लोगों को क्या संदेश देने की कोशिश की जा रही है।
बाद में कांग्रेस के विधायक उस्मान मजीद शून्यकाल में भी यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुनिश्चित करें कि अन्य राज्यों में पढ़ रहे कश्मीरी युवाओं के साथ मारपीट ना हो। उन्होंने केद्र सरकार पर भी कश्मीरी युवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया।