जम्मू को आंदोलन की राह पर न धकेले केंद्र : मूवमेंट
सरोर टोल प्लाजा के खिलाफ किया प्रदर्शन
जागरण संवाददाता, जम्मू : केंद्र सरकार पर जम्मू की भावनाओं की कद्र न करने का आरोप लगाते हुए जम्मू वेस्ट असेंबली मूवमेंट ने कहा है कि जम्मू की राष्ट्रवादी जनता ने हर मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी का साथ दिया है लेकिन आज लोग अपने फैसले पर सोचने के लिए मजबूर हो गए हैं। जम्मू को लगातार अनदेखा करने का आरोप लगाते हुए मूवमेंट ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू की मांगों को लगातार अनदेखा करके शांतिप्रिय जम्मूवासियों को आंदोलन की राह पर धकेल रही है।
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने, सरोर टोल प्लाजा को बंद करने, जमीन रजिस्ट्री का अधिकार न्यायपालिका के पास बहाल करने तथा मोटर व्हीकल एक्ट में किए गए संशोधन को वापस लेने समेत अन्य मांगों को लेकर न्यू प्लॉट में प्रदर्शन करते हुए मूवमेंट सदस्यों ने कहा कि जम्मू की इन जायज मांगों को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों की अगुआई करते हुए मूवमेंट प्रधान सुनील डिम्पल ने कहा कि वकील पिछले करीब डेढ़ महीने से अपनी जायज मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं। राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार जगजाहिर है और ऐसे में सरकार का जमीन रजिस्ट्री का अधिकार राजस्व विभाग को सौंपने से आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ेगी। डिम्पल ने कहा कि सरकार को वकीलों की मांग तत्काल स्वीकार करके जनता को भी राहत प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक तरफ वकील हड़ताल पर हैं तो दूसरी तरफ पंच अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं। वहीं कॉलेजों में कार्यरत अस्थायी शिक्षक भी उन्हें डेलीवेजर बनाने पर हताश हैं और आए दिन अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। डिम्पल ने कहा कि चारों ओर लोग सड़कों पर हैं लेकिन कहीं कोई सुनने वाला नहीं। सरकार की इस बेरुखी के कारण लोगों में गुस्सा भड़क रहा है और अगर केंद्र सरकार नींद से नहीं जागी तो उसे जम्मूवासियों के विरोध का सामना करना पड़ेगा। डिम्पल ने कहा कि अभी तक जम्मूवासियों ने केंद्र सरकार का साथ दिया है लेकिन अगर केंद्र को जम्मू के विरोध का सामना करना पड़ा तो उसके बुरे दिन शुरू हो जाएंगे। डिम्पल ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल जीसी मुर्मू से वकीलों, पंचों व उच्च शिक्षा में कार्यरत अस्थायी शिक्षकों को बातचीत के लिए आमंत्रित करने की अपील करते हुए कहा कि उपराज्यपाल एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी हैं, लिहाजा वह स्वयं इन मुद्दों के निवारण को लेकर आगे आएं।