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Jammu Kashmir: डीपीसी न होने पर स्वास्थ्य निदेशक के खिलाफ प्रदर्शन, मांगें नहीं माने जाने पर आंदोलन की चेतावनी

जम्मू-कश्मीर मेडिकल सप्लाई फेडरेशन के प्रधान सुशील सूदन के नेतृत्व में बडी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी मंगलवार शाम साढ़े चार बजे स्वास्थ्य निदेशालय के बाहर एकत्रित हुए और उन्होंने स्वास्थ्य निदेशक के खिलाफ नारेबाजी की। सूदन ने विभागीय पदोन्नति न करने पर स्वास्थ्य निदेशक को आड़े हाथ लिया।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 06:29 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 06:29 PM (IST)
Jammu Kashmir: डीपीसी न होने पर स्वास्थ्य निदेशक के खिलाफ प्रदर्शन, मांगें नहीं माने जाने पर आंदोलन की चेतावनी
कर्मचारियों ने स्वास्थ्य निदेशालय स्वास्थ्य निदेशक जम्मू डा. रेनू शर्मा सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। कई महीनों से विभागीय पदोन्नति की मांग कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों का सब्र मंगलवार को जवाब दे गया। कर्मचारियों ने शाम को स्वास्थ्य निदेशालय स्वास्थ्य निदेशक जम्मू डा. रेनू शर्मा सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि बार-बार मांग करने तथा वित्तिय आयुक्त के निर्देशों के बावजूद कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं हो रही है। ऐसा करके कोरोना ड्यूटी दे रहे स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल कम हो रहा है।

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जम्मू-कश्मीर मेडिकल सप्लाई फेडरेशन के प्रधान सुशील सूदन के नेतृत्व में बडी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी मंगलवार शाम साढ़े चार बजे स्वास्थ्य निदेशालय के बाहर एकत्रित हुए और उन्होंने स्वास्थ्य निदेशक के खिलाफ नारेबाजी की। सूदन ने विभागीय पदोन्नति न करने पर स्वास्थ्य निदेशक सहित अन्य अधिकारियों को आड़े हाथ लिया।

उनका कहना था कि स्वास्थ्य कर्मी कोविड की इस महामारी में अपनी जान दांव पर लगाकर काम कर रहे हें लेकिन उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांधीनगर अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है। ऐसे में वहां पर काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को भी मेडिकल कालेज के कर्मचारियों की तर्ज पर सुविधाएं दी जानी चाहिए।

सूदन का कहना था कि मार्च महीने के अंत में उनकी वित्तीय आयुक्त स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग अटल ढुल्लू और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इसमें कहा गया था कि सभी कर्मचारियों की डीपीसी की जाए लेकिन स्वास्थ्य निदेशक ने अभी तक इस पर कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे आंदोलनकरने के लिए विवश हो जाएंगे।

कर्मचारियों ने परिवार कल्याण विभाग के 2211 हेड में काम करने वाली फीमेल मल्टीपर्पस वर्कर्स को दो से तीन महीनों का वेतन नहीं मिलने और पिछले साल कोविड की ड्यूटी देते समय जान गंवाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को पचास-पचास लाख रुपये अभी तक न मिलने का मुद्दा भी उठाया। इस मौके पर जरनैल सिंह, कमलजीत साहनी, मेला सिंह, वेदपाल सैनी, मुतार अहमद कोहली, धीरज कुमार, हरपाल सिंह, आरपी सिंह, आरपी सिंह, संजय चौधरी, जसविंद्र सिंह, प्रफुल्ल्ति सिंह, पवन सिंह जम्वाल मौजूद थे।


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