राजभवन का घेराव करने पहुंचे एबीवीपी कार्यकताओं की पुलिस से झड़प, 150 हिरासत में
जागरण संवाददाता जम्मू अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ पुलिस का विवाद एक बार फिर देखने क
जागरण संवाददाता, जम्मू : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ पुलिस का विवाद एक बार फिर देखने को मिला। लाठीचार्ज के विरोध में राज भवन का घेराव करने पहुंचे एबीवीपी कार्यकर्ताओं का एक बार फिर पुलिस के साथ सामना हो गया। पुलिस ने घेराव करने पहुंचे कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। पुलिस के हिरासत में लेने के दौरान भी एबीवीपी कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प हुई हुई लेकिन भारी संख्या में पहुंची पुलिस गाड़ियों में भरकर कार्यकर्ताओं को अपने साथ ले गई।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच पिछले एक सप्ताह से विवाद चला आ रहा है। अंडर ग्रेजुएट कोर्स से सेमेस्टर सिस्टम को खत्म करने, जम्मू कश्मीर में पचास हजार नौकरियां देने का वादा पूरा करने, शिक्षा विभाग में खाली पड़े पदों को भरने, शिक्षा क्षेत्र के व्यवसायीकरण और निजीकरण को समाप्त करने, एम्स का काम जल्द शुरू करने, स्कास्ट का नाम जम्मू कश्मीर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी करने, केंद्रीय विवि के लिए भूमि का चयन व वहां विकास कार्यो की जांच के लिए सिट का गठन करने, शिक्षा क्षेत्र में राजनीतिक दखल रोकने, डोगरी और संस्कृत को आवश्यक विषय बनाए जाने, नौकरियों में धांधलियों की जांच के लिए सीबीआई जांच करवाने व अन्य मांगों को लेकर एबीवीपी कार्यकर्ता मंगलवार को सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे जहां से देर रात को पुलिस ने उठाया था। इसके अगले दिन दोबारा जब कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया जिसमें पंद्रह कार्यकर्ता घायल हो गए थे। लाठीचार्ज के विरोध में एबीवीपी कार्यकर्ता पिछले कुछ दिनों से लगातार प्रदर्शन करते आ रहे हैं और रविवार को उन्होंने राज भवन के घेराव का प्रयास किया। राज भवन के बाहर पहुंचने से पहले एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने पहले परेड में प्रशासन का पुतला जलाया और उसके बाद वे रैली की शक्ल में राज भवन की ओर बढ़ गए। राज भवन के बाहर पंजतीर्थी रेडियो स्टेशन चौक में पुलिस ने उन्हें रोक लिया तो एबीवीपी कार्यकर्ताओं वहीं पर बैठ गए। उन्होंने टायर जलाकर वहां पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। कार्यकर्ता उप राज्यपाल से मिलने की मांग को लेकर कई बार राज भवन के गेट तक भी पहुंचे लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से भगा दिया। जब कार्यकर्ता नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें उठाने के लिए बल का प्रयोग किया। पुलिस ने राज भवन के बाहर डटे हुए करीब 150 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और उन्हें गाड़ियों में भरकर साथ ले गई। जारी रहेगा आंदोलन
परिषद के महासचिव दीपक गुप्ता ने आरोप लगाया कि विद्यार्थियों की आवाज को दबाने के लिए पुलिस बल का प्रयोग किया जा रहा है। दीपक ने आरोप लगाया कि पुलिस ने राजभवन के बाहर भी कार्यकर्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार किया। महिला कार्यकर्ताओं को नहीं बख्शा गया। उनकी एक महिला कार्यकर्ता की टांग में पुलिस कार्रवाई के दौरान गंभीर चोट भी लगी है। वहीं महानगर सचिव प्रतीक रैना का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक परिषद अपना विरोध जारी रखेगी।