जम्मू-कश्मीर में 15 अगस्त के दौरान हालात बिगाड़ने की रची जा रही साजिश, 4जी पर पाबंदी 19 अगस्त तक बढ़ाई
5 अगस्त और 15 अगस्त के दौरान कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिए आतंकी व राष्ट्रविरोधी तत्व हर संभव साजिश को अंजाम देने का प्रयास करेंग। इसके लिए वह इंटरनेट सेवा का दुरुपयोग कर सकते
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पांच अगस्त और 15 अगस्त के दौरान जम्मू-कश्मीर में हालात बिगाड़ने की रची जा रही साजिश नाकाम बनाने के लिए प्रदेश प्रशासन ने 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा पर जारी पाबंदी को 19 अगस्त तक बढ़ा दिया है।
गौरतलब है कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू किए जाने के दौरान पूरे जम्मू- कश्मीर में मोबाइल व इंटरनेट सेवाओं को बंद किया गया था। बाद में इन सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से बहाल किया गया। 4जी इंटरनेट सेवा को बंद रख गया है। जम्मू कश्मीर में सिर्फ 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवा और ब्राडबैंड सेवा ही उपलब्ध है।
जम्मू-कश्मीर गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा ने आदेश जारी करते हुए कहा कि यह कदम कानून व्यवस्था, सुरक्षा और देश की एकता व अखंडता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। तेज गति इंटरनेट सेवा का जम्मू कश्मीर में हालात बिगाड़ने क लिए राष्ट्रविरोधी और आतंकी तत्व फायदा उठा सकते हैं। पांच अगस्त और 15 अगस्त के दौरान जम्मू कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिए आतंकी व राष्ट्रविरोधी तत्व हर संभव साजिश को अंजाम देने का प्रयास करेंग। इसके लिए वह इंटरनेट सेवा का दुरुपयोग कर सकते हैं।
खुफिया एजेंसियों ने सूचित किया है। इसलिए जम्मू कश्मीर प्रदेश में 4जी इंटरनेट सेवाओं को 19 अगस्त तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है। हालात की समीक्षा के आधार पर इस पाबंदी को 19 अगस्त से पहले भी हटाया जा सकता है। तब तक सिर्फ 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवा और ब्राडबैंड सेवा ही उपलब्ध रहेगी।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल ने हाल ही में बयान दिया था कि घाटी में 4जी इंटरनेट सेवा बहाल की जा सकती है। इसी तरह का बयान भाजपा नेता राम माधव ने भी दिया था। अहमदी ने कहा कि इन बयानों पर गौर किया जाना चाहिए। केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि इन बयानों का सत्यापन करने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन ने 16 जुलाई को अदालत को सूचित किया था कि इस केंद्र शासित प्रदेश में 4जी इंटरनेट सेवा बहाल करने के मुद्दे पर शीर्ष अदालत के निर्देश के अनुसार एक विशेष समिति का गठन किया जा चुका है।
अटॉर्नी जनरल ने जम्मू कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं बढ़ने का दावा करते हुए कहा था कि प्रशासन के अधिकारियों के विरुद्ध कोई अवमानना का मामला नहीं बनता क्योंकि उन्होंने शीर्ष अदालत के 11 मई के निर्देशों का पालन किया है। न्यायालय ने 11 मई को जम्मू कश्मीर में 4जी इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने की याचिकाओं पर विचार करने के लिए केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में विशेष समिति के गठन का आदेश दिया था।