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जीएमसी का हाल : सात साल, छह प्रिसिपल, कैसे बदले व्यवस्था

रोहित जंडियाल जम्मू राजकीय मेडिकल कॉलेज जम्मू में समय से पहले प्रिसिपल को हटाना अब

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 07:37 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 07:37 AM (IST)
जीएमसी का हाल : सात साल, छह प्रिसिपल, कैसे बदले व्यवस्था
जीएमसी का हाल : सात साल, छह प्रिसिपल, कैसे बदले व्यवस्था

रोहित जंडियाल, जम्मू : राजकीय मेडिकल कॉलेज जम्मू में समय से पहले प्रिसिपल को हटाना अब परंपरा बन चुकी है। अतीत का जिक्र करें तो सात में छह प्रिंसिपल ऐसे रहे हैं जिन्हें समय से पहले हटा दिया गया। वीरवार को डॉ. शशि सूदन ने जीएमसी जम्मू के प्रिसिपल पद का कार्यभार संभाल लिया। डॉ. शशि के समक्ष बड़ी चुनौती कोरोना काल में मरीजों की दिक्कतें दूर करने के अलावा सभी डॉक्टरों को साथ लेकर चलने की होगी। पिछले सात वर्षो में डॉ. शशि जीएमसी की छठी प्रिसिपल बनी हैं। इससे पहले प्रिंसिपल को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव टेक्निकल पद पर नियुक्त किया है।

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स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक मई 2013 को डॉ. अनीस चौधरी के सेवानिवृत्त होने के बाद गायनोकोलॉजी विभाग की एचओडी डॉ. शशि गुप्ता को जीएमसी का प्रिसिपल नियुक्त किया था। यह पहली बार था जब आरोप लगे थे कि उनकी नियुक्ति में वरिष्ठता को नजरअंदाज किया गया। इसके बाद जीएमसी जम्मू में प्रिसिपल की नियुक्ति विवादों में ही रही। डॉ. शशि अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई। 23 अप्रैल 2014 को उन्हें हटा कर रेडियोलॉजी विभाग की एचओडी डॉ. घनश्याम देव को प्रिसिपल नियुक्त किया गया। ईमानदार और काम के प्रति समर्पण की छवि होने के बावजूद वह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। एक दिसंबर 2015 को उन्हें भी प्रिसिपल पद से हटा दिया। उनकी जगह फार्माकोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. जाहिद गिलानी को प्रिसिपल नियुक्त किया। उन्होंने सभी के साथ मिलकर रहने वाली छवि बनाई, लेकिन कुछ अधिकारियों को यह भी रास नहीं आया। वह लगातार तीसरे ऐसे प्रिसिपल थे जो कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। 13 मार्च 2017 को सरकार ने डॉ. गिलानी को हटा कर एनाटमी विभाग की एचओडी डॉ. सुनंदा रैना को प्रिसिपल नियुक्त किया। डॉ. रैना सात वर्षो में पहली प्रिसिपल थी जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। उनके समय में भी कुछ विवाद हुए लेकिन इसका उन्होंने असर नहीं पड़ने दिया। वह इसी साल तीस अप्रैल को अपने पद से सेवानिवृत्त हुई। एक मई को उनकी जगह सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. नसीब ढीगरा को प्रिसिपल नियुक्त किया गया। कोरोना काल में हुई नियुक्ति में उनसे अपेक्षाएं भी अधिक थी। चुनौतियां भी पहले के प्रिसिपलों की अपेक्षा अधिक थी। डॉ. ढींगरा सिर्फ साढे़ पांच महीने ही इस पद पर रह सके। माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एचओडी डॉ. शशि सूदन ने चौथी महिला प्रिसिपल हैं। वह कठुआ मेडिकल कॉलेज में भी प्रिसिपल रह चुकी हैं।

डॉ. शशि सूदन की नियुक्ति के बाद फिर से वरिष्ठता को नजरअंदाज करने के आरोप लग रहे हैं। ऐसे में जीएमसी के वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ बेहतर तालमेल बनाने के अलावा कोरोना के मरीजों के प्रबंधन से लेकर मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए क्या कदम उठाती हैं, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

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क्या रास नहीं आती स्थायी नियुक्ति

जीएमसी में पहले सरकार प्रिसिपलों की स्थायी नियुक्ति करती थी, लेकिन एक दशक से सरकार ने स्थायी नियुक्ति नहीं करने की परंपरा बना डाली है। साल 2012 में डॉ. राजेंद्र सिंह अंतिम बार स्थायी प्रिसिपल बने थे। इसके बाद डॉ. अनीस चौधरी, डॉ शशि गुप्ता, डॉ. घनश्याम देव, डॉ. जाहिद गिलानी, डॉ. सुनंदा रैना को भी केवल कार्यभार सौंपा गया। हालांकि बाद तक इनमें से कुछ को स्थायी कर दिया गया। इस साल डॉ. नसीब ढींगरा की स्थायी नियुक्ति हुई थी लेकिन डा. शशि सूदन को फिर से सिर्फ कार्यभार सौंप कर पुरानी परंपरा शुरू कर दी। इससे वरिष्ठ डाक्टरों में भी रोष है। जीएमसी जम्मू के अब तक के प्रिसिपल

प्रिसिपल कार्यकाल 1. डॉ. एनएस पठानिया एक अगस्त 1972 से सात जनवरी 1983

2. डॉ. एसएल वर्मा सात जनवरी 1983 से 31 जुलाई 1990

3. डॉ. सुभाष चंद्र गुप्ता एक अगस्त 1990 से 31 दिसंबर 1994

4. डॉ. आरके रैना एक जनवरी 1995 से 30 अप्रैल 1997

5. डॉ. आरके रैना एक मई 1997 से सात अप्रैल 1998

6. डॉ. एचएल गोस्वामी सात अप्रैल 1998 से 31 मई 2005

7. डॉ. विजय गुप्ता एक जून 2005 से 31 मार्च 2006

8. डॉ. मुमताज गोनी एक अप्रैल 2006 से 31 मई 2007

9. डॉ. राजेंद्र सिंह एक जून 2007 से 30 जून 2012

10. डॉ. अनीस चौधरी एक जुलाई 2012 से 30 अप्रैल 2013

11. डॉ. शशि गुप्ता एक मई 2013 से 23 अप्रैल 2014

12. डॉ. घनश्याम देव 23 अप्रैल 2014 से एक दिसंबर 2015

13. डॉ. जाहिद गिलानी एक दिसंबर 2015 से 13 मार्च 2017

14. डॉ. सुनंदा रैना 13 मार्च 2017 से 30 अप्रैल 2020

15. डॉ. नसीब ढीगरा एक मई 2020 से 21 अक्टूबर 2020


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