Move to Jagran APP

कश्मीर सेब उत्पादकों के अच्छे दिन देख, पुंछ के किसानों ने भी मक्की छोड़ सेब की पैदावर शुरू की

किसानों ने बताया कि हमारे इलाके का मौसम कश्मीर से थोड़ा अलग है जिस कारण यहां का सेब कश्मीर से जल्दी तैयार हो जाता है और अच्छी कीमत भी मिलती है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 12:19 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 12:19 PM (IST)
कश्मीर सेब उत्पादकों के अच्छे दिन देख, पुंछ के किसानों ने भी मक्की छोड़ सेब की पैदावर शुरू की
कश्मीर सेब उत्पादकों के अच्छे दिन देख, पुंछ के किसानों ने भी मक्की छोड़ सेब की पैदावर शुरू की

पुंंछ, भूपेंद्र सिंह सुदन। कश्मीर के बाद अब जम्मू संभाग के पुंछ जिले में भी बड़े पैमाने पर सेब की पैदावार शुरू करने की तैयारी है। कश्मीर में सेब उत्पादकों की अच्छी आमदनी से किसान बेहद उत्साहित है।

loksabha election banner

पुंछ जिला के मंडी तहसील के गांव अजमावाद के किसानों ने मक्की की फसल छोड़कर सेब की पैदावार शुरू कर दी है। वे दिन रात सेब के बगीचों में काम करते नजर आ रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र पुंछ के सहयोग से किसानों ने गांव में करीब 10 सेब के बाग तैयार किए हैं। किसानों के अनुसार मक्की की फसल को खराब मौसम और जंगली जानवरों से भारी नुकसान उठाना पड़ता था। मेहनताना ओर खर्च भी पूरा नहीं होता था, लेकिन कृषि विज्ञान केंद्र की टीम ने इलाके का दौरा कर हमें सेब की पैदावार के लिए प्रेरित किया। उस समय किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया।

बाद में कुछ किसानों ने पिछले तीन चार वर्षो में लगातार सेब के बाग तैयार किए हैं। इससे किसानों को लाभ पहुंचा है। आर्थिक हालत में भी सुधार हुआ है, जिसे देखकर गांव के अन्य किसान भी आगे आए और सेब के बाग लगाने में जुट गए हैं। किसानों ने बताया कि हमारे इलाके का मौसम कश्मीर से थोड़ा अलग है, जिस कारण यहां का सेब कश्मीर से जल्दी तैयार हो जाता है और अच्छी कीमत भी मिलती है।

सेब के अलावा अन्य फलों की पैदावार में जुटे हैं किसान

कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि पहले सेब के उत्पादन के लिए कोई आगे नहीं आ रहा था। कुछ किसानों ने अपने खेतों में सेब के बाग तैयार किए। हमने अच्छी पैदावार और बढिय़ा किस्म के पेड़ किसानों को दिए हैं। अब अच्छी पैदावार को देख गांव का हरेक किसान अपने खेतों में सेब के अलावा अन्य फलों की पैदावार में जुटे हुए हैं। लगभग पूरे गांव के किसानों ने सेब का उत्पादन शुरू कर दिया है। उनके घर का खर्च भी सेब की पैदावार पर निर्भर कर रहा है।

एक कनाल जमीन से सौ पेटी सेब उतारा जा रहा

कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि कई किसानों ने मक्की की खेती छोड़ दी है क्योंकि एक कनाल जमीन से एक क्विंटल मक्की की पैदावार होती थी। जबकि एक कनाल जमीन से लगभग सौ पेटी सेब उतारा जा रहा है। इससे गांव के किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई है। विभाग के अधिकारी समय-समय पर मौसम के हिसाब से पेड़ों में कीटनाशक दवाइयों की किसानों को जानकारी देते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.