जम्मू में सरकारी भूमि पर नेताओं, नौकरशाहों ने बना लिए बंगले
जागरण संवाददाता जम्मू शहर के बाहरी क्षेत्र सुंजवां के बरमिनी गांव में 108 कनाल सरकारी
जागरण संवाददाता, जम्मू : शहर के बाहरी क्षेत्र सुंजवां के बरमिनी गांव में 108 कनाल सरकारी भूमि को राजस्व रिकार्ड में निजी बताकर बेचने का मामला सामने आया है। मौजूदा समय में उक्त भूमि की कीमत करोड़ों रुपये में है। इस सरकारी भूमि पर मौजूदा समय में कई राजनेताओं और नौकरशाहों के आलीशान बंगले बने हुए है। इस धोखाधड़ी को वर्ष 2007 में चार भाइयों समेत पांच लोगों ने तत्कालीन राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से अंजाम दिया था। मामले की जांच क्राइम ब्रांच जम्मू को सौंपी गई है।
एसएसपी क्राइम ब्रांच शैलेंद्र सिंह ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर सब डिविजनल मजिस्ट्रेट सिटी साउथ ने सुंजवां में हुए इस भूमि घोटाले की जांच की थी, जिसमें धोखाधड़ी होने की बात सामने आई थी। मामले की जांच अब क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। प्राथमिक जांच में पांच सगे भाइयों हसनदीन, फैम अली, फयाज हुसैन, राशिद अहमद निवासी बरमिनी, सुंजवा और अब्दुल माजिद निवासी जलालाबाद, सुंजवा को आरोपित बनाया गया है। जांच में उस समय के जिन राजस्व अधिकारियों का नाम सामने आएगा उनको भी आरोपित बनाया जाएगा। साजिश के तहत सुंजवा में 108 कनाल सरकारी भूमि को आरोपितों की पुश्तैनी भूमि बताकर उन्हें उसका मालिकाना हक दे दिया गया। इतना ही नहीं, फर्जी दस्तावेज तैयार कर 12 जून 2007 को आरोपितों के नाम पर सरकारी भूमि का इंतकाल भी कर दिया गया। क्राइम ब्रांच ने जांच के दौरान उक्त भूमि के रिकार्ड को अपने कब्जे में लेकर जब उसकी जांच की तो पता चला कि धोखाधड़ी कर सरकारी भूमि को निजी संपत्ति बताकर उसे बेच दिया गया है। राजस्व रिकार्ड में छेड़छाड़ के पुख्ता सबूत मिलने के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है। गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच जम्मू ने हाल ही में नगरोटा में 98 कनाल सरकारी भूमि को धोखे से बेचने का मामला भी दर्ज किया था।