Move to Jagran APP

मुर्मू के बयान पर सियासी घमासान

अनुछेद 370 खत्म होने के बाद ही जम्मू कश्मीर के भारत में शामिल होने की बात कही थी पीडीपी सांसद मीर ने पूछा- क्या पांच अगस्त 2019 से पहले हम पाकिस्तानी थे --------------

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 10:11 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 10:11 AM (IST)
मुर्मू के बयान पर सियासी घमासान
मुर्मू के बयान पर सियासी घमासान

राज्य ब्यूरो, जम्मू: गणतंत्र दिवस पर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल जीसी मुर्मू के बयान पर सियासी घमासान मच गया है। उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद ही जम्मू कश्मीर भारत में शामिल हुआ है। इसे पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के राज्यसभा सांसद फैयाज अहमद मीर ने आपत्तिजनक बताते हुए पूछा है कि क्या पांच अगस्त 2019 से पहले जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं था। क्या उपराज्यपाल यह कहना चाहते हैं कि हम पहले पाकिस्तानी थे?

loksabha election banner

उत्तरी कश्मीर से राज्यसभा के सांसद फैयाज ने कहा कि बीते 70 सालों में हमने असंख्य कुर्बानियां दीं। हमारे लोगों ने, हमारे बुजुर्गो ने हिदुस्तान की तरफ से लड़ा है। पाकिस्तान के साथ जब भी हिदुस्तान की जंग हुई है, हमारे लोग पाकिस्तान के खिलाफ हिदुस्तान के साथ खड़े रहे हैं। उपराज्यपाल आखिर क्या कहना चाहते हैं, वह क्या साबित करना चाहते हैं जो उन्होंने यह बात कही है? उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल का बयान अनुचित है। उनके बयान के बाद सवाल यह उठता है कि क्या अनुच्छेद 370 की समाप्ति से पहले हम पाकिस्तानी थे? यहां क्या बदला है, पिछले साल तक यहां राज्यपाल होता था और आज यहां उपराज्यपाल है। पहले जम्मू कश्मीर एक पूर्ण राज्य था जो अब केंद्र शासित राज्य है, बस यही बदलाव तो हुआ है। लेकिन हमारे उपराज्यपाल कहते हैं कि जम्मू कश्मीर अब पूरी तरह से भारत का हिस्सा बना है। क्या उनके बयान का यह अर्थ है कि अब तक जम्मू कश्मीर भारत के साथ नहीं था। नेताओं की रिहाई की मांग

सांसद फैयाज ने कहा कि केंद्र शासित जम्मू कश्मीर राज्य बनने के बाद स्थानीय लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं को हल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। लोग किन मुश्किलात का सामना कर रहे हैं, वह वही जानते हैं। जम्मू कश्मीर में हालात के सामान्य होने का दावा किया जाता है, लेकिन राजनीतिक नेताओ को बंद रखा गया है,उन्हें रिहा नहीं किया जा रहा है। हालात अगर सामान्य हैं तो फिर राजनीतिक नेताओं को रिहा क्यों नहीं किया जाता। पहले वह कहते थे कि अलगाववादियों से बातचीत नहीं करेंगे, लेकिन आज वह मुख्यधारा के नेताओं से भी संवाद के लिए राजी नहीं है। विकास कार्यो को गति देने की जरूरत

राज्यसभा सांसद ने कहा कि जम्मू कश्मीर में विकास कार्यो को गति देने की जरूरत है। प्रशासनिक तंत्र को मजबूत, कर्मठ, समर्थ और पारदर्शी बनाया जाना चाहिए। विकास और प्रशासनिक मुद्दों में किसी भी तरह की सियासत नहीं होनी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.