Jammu Kidnap Case: अनिरूद्ध अपहरणकांड के मास्टरमाइंड को ढूंढ रही 10 जिलों की पुलिस
जीवन और संजय दोनों निजी कंपनी में काम करते हैं। पुलिस का कहना है कि जीवन के मोबाइल फोन से दो बार फिरौती के लिए फोन आया था।
जम्मू, अवधेश चौहान। पांचवीं कक्षा के छात्र अनिरुद्ध अपहरणकांड के मास्टर माइंड संजय और उसके साथियों को जम्मू कश्मीर के 10 जिलों की पुलिस ढूंढ रही है। इन जिलों में तैनात दो एडिशनल एसपी, चार एसडीपीओ, दो एसपी और 10 एसएचओ पर आधारित स्पेशल जांच टीम का गठन एसएसपी सांबा कौशल शर्मा के नेतृत्व में किया है। इसमें 70 पुलिसकर्मियों को जम्मू संभाग के विभिन्न इलाकों में उसके ठिकानों पर दबिश देने के लिए भेजा है। पुलिस की चार अलग-अलग टीम पंजाब, दिल्ली व उत्तर प्रदेश में डेरा डाले हुए है। बावजूद संजय का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
अनिरुद्ध को बेशक फिरौती की रकम लेकर अपहरणकर्ताओं ने बच्चे को रिहा कर दिया, लेकिन पुलिस को चार दिन से उनकी तलाश है। अभी तक पुलिस ने अपहरण कांड में शामिल बलबीर, अपहरणकर्ता अंग्रेज सिंह के भतीजे धीरज सिंह जो सेकेंड ईयर का छात्र है, को पकड़ा है। पुलिस ने उस इनोवा कार को भी जब्त कर लिया है, जिसे धीरज सिंह ने फिरौती की रकम वसूलने के लिए इस्तेमाल किया गया था। रियासी जिले के पैंथल का धीरज पहलवान भी है। उसका एक भाई रामबन में पुलिस में कार्यरत है। पुलिस ने अखनूर के एक रिटायर्ड फौजी जीवन कुमार को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
सूत्रों का कहना है कि जीवन और संजय दोनों निजी कंपनी में काम करते हैं। पुलिस का कहना है कि जीवन के मोबाइल फोन से दो बार फिरौती के लिए फोन आया था। मामले की जांच जम्मू के औद्योगिक क्षेत्र बड़ी ब्राह्मणा पुलिस स्टेशन में बने डीएसपी कार्यालय में हो रही है। पुलिस ने अपहरण कांड के मुख्य सरगना संजय की पत्नी और दो साल की बेटी को पिछले चार दिन से पूछताछ के लिए रखा है। पुलिस को उम्मीद है शायद संजय उसे फोन करे तो उसकी लोकेशन का पता चल सके।
आरोपितों के ठिकानों पर दबिश दे रही पुलिस
जम्मू, सांबा (बड़ी ब्राह्मणा, विजयपुर, रामगढ़), ऊधमपुर, रियासी, रामबन, डोडा, किश्तवाड़ समेत 10 जिलों की पुलिस टीम केवल अनिरुद्ध के अपहरण के दौरान फिरौती की वसूली के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल की कॉल डिटेल के आधार पर ही आरोपितों के ठिकानों पर दबिश दे रही है। एक अपहरणकर्ता बलबीर को गिरफ्तार तो कर लिया गया है, लेकिन पुलिस उसके साथियों के बारे में कुछ खास नहीं उगलवा पाई है। एसएसपी सांबा कौशल शर्मा का कहना है कि अभी तक 14 संदिग्धों को पूछताछ के लिए पकड़ा है। सभी कडिय़ां जोड़ी जा रही हैं। जल्द ही संजय को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस जांच के डर स आरोपित की पत्नी ने की खुदकशी
पुलिस जांच के डर से ऊधमपुर के टिकरी इलाके में अपहरणकांड के आरोपित अंग्रेज सिंह की पत्नी सेवा कुमारी ने पहाड़ी से कूदकर जान दे दी। वीरवार शाम को अपहरण कांड में गठित विशेष जांच टीम में शामिल राकेश बांबा पुलिस दलबल के साथ पूछताछ के लिए अंग्रेज सिंह के घर गए थे। उसने अंग्रेज के बारे में कोई जानकारी न होने की बात बताई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने धमकी दी थी कि अगर वह पति के बारे में नहीं बताएगी तो उसे थाने ले जाया जाएगा। इससे सेवा कुमारी डर गई और पहाड़ी से कूद कर जान दे दी। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया। उसके दो बच्चे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज किया है। अपहरणकांड जांच के लिए गठित की गई विशेष टीम के प्रमुख एसएसपी सांबा कौशल शर्मा ने पुलिस के दबाव में महिला के खुदकशी से इन्कार किया है। उनका मानना है कि उसे पति के अपहरण कांड में शामिल होने के बारे में पता चला तो हो सकता है कि उसने खुदकशी कर ली हो।
सरगना संजय अमृतसर में दिखा, एक संदिग्ध काबू
अपहरण कांड के मुख्य सरगना संजय शातिर अपराधी है। उसके मोबाइल फोन सर्विलांस पर हैं। फिरौती की रकम लेने के बाद उसके सभी मोबाइल फोन स्विच ऑफ हैं। उसके मोबाइल से आखिरी कॉल फिरौती की रकम वसूले जाने से पहले यानी सात मई को अमृतसर से आई थी। उसकी लोकेशन गोल्डन टैंपल के आसपास मिली थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में संजय को एक अन्य साथी के साथ देखा है। सूत्रों का कहना है कि अमृतसर से पकड़े गए संजय के साथी को पुलिस ने पकड़ा है। संजय का मोबाइल बंद है। जम्मू कश्मीर पुलिस की टीम अमृतसर में भी उसके पकड़े गए एक साथी के साथ मिलकर उसके छिपे ठिकानों पर दबिश दे रही है। पुलिस के डीएसपी स्तर का एक अधिकारी अमृतसर में पुलिस टीम के साथ डेरा डाले हुए है। संजय नेपाल भागने की फिराक में है। पुलिस ने नेपाल सीमा पर भी उसके फोटो भेज दिए हैं।
संजय ने 2000 रूपये के लिए कर दिया था नानी का कत्ल
अनिरुद्ध अपहरणकांड के मास्टरमाइंड संजय ने महज 17 साल की उम्र में 2000 रुपये और बूढ़ी नानी का मंगल सूत्र चुराने के लिए गला रेत कर उनकी हत्या कर दी थी। संजय ने 9 जनवरी 2014 को रत्नूचक के भद्रवाही मोहल्ले में कत्ल को अंजाम दिया था। संजय बचपन से ही शातिर था। उसकी नजर नानी के पैसों और गहनों पर थी। नानी बसंती देवी पत्नी मंगतराम मूलत: डोडा की रहने वाली थी, जो उस समय भद्रवाही मोहल्ले में झोपड़ी में रहती थी। एक दिन बसंती देवी का बेटा और बहू दिहाड़ी लगाने गए थे। पोता भी घर से बाहर गया हुआ था। केस के मुताबिक धेवता संजय भी नानी के साथ ही रहता था। हत्या से पहले उसने नानी को चाय बनाकर पिलाई थी। चाय में नमक डालने के लिए वह रसोई घर में गया और वहां से चाकू ले आया। इसके बाद उसने अपनी नानी का गला रेत कर हत्या कर दी।
संजय घर में पड़े 2000 रुपये, बूढ़ी नानी का मंगलसूत्र और अन्य गहने लेकर भाग गया। भागते समय वह कमरे में बाहर से ताला लगा गया, ताकि किसी को शक न हो। उसने ताले की चाबी को तेली बस्ती नाले में फेंक दिया था। दोपहर में पोता घर आया तो कमरे के बाहर ताला लटका देख उसे कुछ शक हुआ। उसने तुरंत पुलिस को सूचित किया। तत्कालीन एसएसपी जम्मू अतुल गोयल के नेतृत्व में गंग्याल के तत्कालीन एसएचओ जसबीर सिंह ने मामले को सुलझा लिया। 28 फरवरी 2014 को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने संजय को बाल सुधार गृह भेज दिया। बाल सुधार गृह से 12 जून 2016 को संजय भाग निकला, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। संजय पर लूटपाट और चोरी के कई पुलिस स्टेशनों में केस दर्ज हैं।
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