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जम्‍मू-कश्मीर: वर्ष 2018 में मुठभेड़ में 45 पुलिस जवान शहीद हुए, 252 आतंकी मारे गए

राज्य पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 के दौरान 97 मुठभेड़ें हुई हैं, जिनमें 252 आतंकी मारे गए और पुलिस के 45 जवान शहीद हुए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 10:00 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 10:00 AM (IST)
जम्‍मू-कश्मीर: वर्ष 2018 में मुठभेड़ में 45 पुलिस जवान शहीद हुए, 252 आतंकी मारे गए
जम्‍मू-कश्मीर: वर्ष 2018 में मुठभेड़ में 45 पुलिस जवान शहीद हुए, 252 आतंकी मारे गए

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। राज्य पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 के दौरान राज्य के विभिन्न पुलिस थानों व चौकियों में 12946 मामले दर्ज हुए, जिनमें से 11880 को निपटाया गया है। इनमें गैर आतंकी हत्या के 97 मामलों के अलावा 312 मामले नशीले पदार्थो और 2006 सड़क हादसों से संबंधित हैं। इस दौरान सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच राज्य के भीतरी हिस्सों में 97 मुठभेड़ें हुई हैं, जिनमें 252 आतंकी मारे गए और पुलिस के 45 जवान शहीद हुए।

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उन्होंने बताया कि पिछले वर्षो की तुलना में वर्ष 2018 में निपटाए गए और हल किए गए मामलों में 60 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। आतंकरोधी अभियानों में सीआरपीएफ व अन्य केंद्रीय अर्धसैनिकबलों के नौ और सेना के 30 जवान व अधिकारी भी शहीद हुए हैं। 91 नागरिकों में 44 को आतंकियों ने मारा डीजीपी के मुताबिक, वर्ष 2018 के दौरान आतंकी हिंसा में मारे गए 91 नागरिकों में से 44 को आतंकियों ने ही मौत के घाट उतारा है।

अन्य मुठभेड़ स्थलों पर क्रॉस फायरिंग की चपेट में आकर या फिर कानून व्यवस्था की स्थिति में मारे गए हैं। राज्य में बीते साल गैर आतंकी हत्या के 97 मामलों में 32 मामलों को निपटाया गया है, जबकि अन्य लंबित हैं। इसी दौरान नशीले पदार्थो के खिलाफ जारी अभियान के तहत 312 मामले दर्ज किए गए और 71 मामले निपटाए गए हैं। इन मामलों में 482 लोगों को पकड़ा गया है।

2006 सड़क हादसों में 272 लोग मारे गए डीजीपी ने बताया कि वर्ष 2018 में दर्ज 2006 सड़क हादसों में 272 लोग मारे गए हैं। इनमें 225 लोगों की मौत टैक्सियों, टेंपो, ट्रक और बस से जुड़े हादसों में हुई, जबकि 46 लोगों की मौत के लिए दुपहिया वाहन जिम्मेदार रहा है, जबकि थ्री व्हीलर से संबंधित हादसे में एक नागरिक मारा गया है। सड़क हादसों में 2551 लोग जख्मी हुए हैं। इसके अलावा बीते साल पूरे राज्य में घरेलू हिंसा से जुड़े 143 मामले दर्ज किए गए, उनमें से 89 मामलों को हल करते हुए बंद कर दिया गया है। इसी अवधि में चोरी के 762 मामले विभिन्न थानों में दर्ज हुए हैं। 


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