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पुलिस चौकी की खिड़की तोड़ तस्करी का आरोपित फरार

भुक्की की तस्करी के आरोप में पुलिस के हत्थे चढ़ा एक आरोपित चौकी की खिड़की की ग्रिल उखाड़कर फरार हो गया। दूसरा मोटा होने के कारण नहीं निकल पाया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 03 Aug 2018 10:10 AM (IST)Updated: Fri, 03 Aug 2018 10:10 AM (IST)
पुलिस चौकी की खिड़की तोड़ तस्करी का आरोपित फरार
पुलिस चौकी की खिड़की तोड़ तस्करी का आरोपित फरार

जम्मू, जागरण संवाददाता। भुक्की की तस्करी के आरोप में मनवाल पुलिस के हत्थे चढ़ा एक आरोपित चौकी की खिड़की की ग्रिल उखाड़कर फरार हो गया। दूसरा आरोपित मोटा होने के कारण नहीं निकल पाया। एसएसपी जम्मू विवेक गुप्ता ने संतरी पर ड्यूटी देने वाले कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है।

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आरोपित के विरुद्ध झज्जरकोटली थाने में मामला दर्ज कर लिया गया।मनवाल पुलिस ने सोमवार को कार नंबर जेके03बी-5712 से जांच के दौरान उसके अंदर से तीस किलो भुक्की बरामद की थी। कार सवार मोहम्मद शफी पुत्र गुलाम मोहम्मद और एजाज गिनाई दोनों निवासी हांजीपुरा, कुलगाम, कश्मीर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वीरवार सुबह करीब छह बजे चौकी का संतरी लॉकअप में बंद दोनों आरोपितों को शौच करवाने के लिए पहुंचा। उसने देखा कि मोहम्मद शफी फरार है।

एजाज गिनाई लॉकअप में बैठा था। लॉकअप की पिछली दीवार की खिड़की की एक ग्रिल गायब थी। उसी में से मोहम्मद शफी भागा। संतरी ने मुंशी को घटना की सूचना दी। चौकी में मौजूद कर्मी लॉकअप की ओर दौड़े। एजाज गिनाई को हथकड़ी पहनना कर झज्जरकोटली थाने भेज दिया गया। फरार आरोपित को पकड़ने के लिए पुलिस टीम रवाना कर दी गई। एसएसपी ने आरोपित के पुलिस चौकी से भागने की विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

मोटा होने से नहीं निकल सका एजाज

दूसरे आरोपित एजाज गिनाई ने पुलिस को बताया कि रात भर मशक्कत के बाद भी वे खिड़की में से केवल एक ही ग्रिल निकाल पाए थे। मोहम्मद शफी कद-काठी में पतला है। इससे वह आसानी से निकल गया। एजाज गिनाई मोटा होने के कारण बाहर नहीं निकल पाया।

टूल पोस्ट पर चल रही चौकी

पुलिस आधुनिकीकरण के अधिकारियों द्वारा बड़े दावे को किए जाते हैं लेकिन जमीनी हकीकत बिलकुल अलग है। झज्जरकोटली के अधीन आने वाली पुलिस चौकी मनवाल वर्षो से पुराने टूल पोस्ट पर चल रही है। इस टूल पोस्ट पर कभी ट्रकों से चुंगी वसूली जाती थी। समय के साथ चुंगी बंद हो गई थी। बाद में यह इमारत मनवाल पुलिस को सौंप दी गई थी। जहां पर चौकी बना ली गई थी।

चौकी का आलम यह है कि इसमें लॉकअप के बजाए कमरा है, जिसमें आरोपितों को रखा जाता है। इसी का लाभ उठाकर मोहम्मद शफी भाग निकला। जिस कमरे को लॉकअप बनाया गया है, उसकी खिड़की वर्षो पुरानी है। आरोपित के चौकी से भागने के बाद अब वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस चौकी की मरम्मत की बात कह रहे हैं। 


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