Move to Jagran APP

बंटवारे का दर्द कुरेद गया शाह-शाहनी का मंचन

जागरण संवाददाता, जम्मू : भारत-पाक बंटवारे ने किसी से उसकी संपत्ति छीन ली, किसी से दोस्त, किस

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 06:00 AM (IST)
बंटवारे का दर्द कुरेद गया शाह-शाहनी का मंचन
बंटवारे का दर्द कुरेद गया शाह-शाहनी का मंचन

जागरण संवाददाता, जम्मू : भारत-पाक बंटवारे ने किसी से उसकी संपत्ति छीन ली, किसी से दोस्त, किसी से पड़ोसी तो कई प्रेमियों को जुदा कर दिया। नाटक बंटवारे से पहले के जम्मू की विशेषताएं भी दर्शाता दिखा, तो एक दूसरे के प्रति सम्मान और भाईचारे की बातें करता भी दिखा।

loksabha election banner

भारतीय कला संगम की ओर से रजनीश गुप्ता के लिखे एवं नेहा लहोत्रा के निर्देशन में मंचित यह नाटक दो बुजुर्गो शाह-शाहनी के इर्द-गिर्द घूमता है। जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से आयोजित वार्षिक नाट्योत्सव में मंचित इस नाटक में दर्शाया गया कि एक एक व्यक्ति, जो समझौता एक्सप्रेस से भारत आया हुआ है, शहीदी चौक में खडे़ होकर अपने पुराने शहर को पहचानने की कोशिश कर रहा है। उसे तलाश है कि उसका कोई पुराना मित्र उसे दिख जाए। इतने में उसे एक बुजुर्ग महिला शाहनी उसे पहचान लेती है। शाह उसे उसके परिवार के बारे में पूछता है। शाहनी बताती है कि उसकी बेटी की शादी हो चुकी है, बेटा दिल्ली में बैंक प्रबंधक है। पति कुछ दिन के लिए बाहर गया हुआ है। इतने में शाहनी रसोई में चाय बनाने के लिए जाती है। इतने में एक पड़ोसी उससे लड़ने के लिए आ जाता है कि उसने उसकी कुछ बेकरी चुरा ली है। शाह पड़ोसी को सौ रुपया देकर शाहनी को कुछ न कहने के लिए कहकर उसे वहां से निकाल देता है। शाहनी नहीं जानती कि क्या हुआ है। शाह शाहनी को मार्केट घूमने के लिए कहता है ताकि वह अपनी पुरानी यादें ताजा कर सके। इस बीच उसे पुराना दूध वाला मिल जाता है। वह कहता है कि वह यही सोचते रहे हैं कि उसका कत्ल हो गया होगा। कई तरह के अनुमान लगते रहे। इस बीच शाहनी उससे पूछती है कि उसने शादी क्यों नहीं की। यही सवाल वह शाहनी से पूछता है। दोनों अपने आप को नहीं रोक पाते और रोने लगते हैं। बंटवारे को कोसते हैं। उन हालात को कोसते हैं। उस वक्त को कोसते हुए मानते हैं कि शायद उनकी किस्मत में यही लिखा था। शाहनी शाह को फिर आने के लिए कहती है। शाह आने का वायदा करता है, इस शर्त पर कि वह उसका इंतजार करेगी।

नाटक में शाह की भूमिका मोहित शर्मा ने निभाई। शाहनी की भूमिका में नेहा ने छाप छोड़ी। साहिल शर्मा, नितिका केतन गुप्ता, नेहा कटारिया ने अपनी भूमिका से न्याय किया। संगीत विक्रान मेहता का था। लाइट डिजाइ¨नग पंकज शर्मा ने की। वेशभूषा सीमा भारद्वाज, मेकअप सीमा भरद्वाज ने किया। वीरजी सुंबली ने सेट डिजाइन किया। प्रबंधन की जिम्मेवारी आर्यन शर्मा ने निभाई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.