गिरिगट से भ्रष्ट, चापलूसी पसंद पुलिस तंत्र पर कटाक्ष
जागरण संवाददाता, जम्मू : नटरंग संडे थियेटर श्रृंखला में बलवंत ठाकुर के निर्देशन में ¨हदी ना
जागरण संवाददाता, जम्मू : नटरंग संडे थियेटर श्रृंखला में बलवंत ठाकुर के निर्देशन में ¨हदी नाटक 'गिरगिट' का मंचन किया गया।
रानी पार्क में मंचित यह नाटक रूसी लेखक एंटोन चेखोव की रूसी लघु कहानी के आधार पर वर्तमान सामाजिक, राजनीतिक व्यवस्था पर कड़ा कटाक्ष है।
नाटक को जम्मू की मिट्टी में गहराई से जड़ा गया है। इसकी नाटकीय संरचना ने श्रोताओं को महसूस करवाया कि वह अपने आसपास की कहानी ही देख रहे है। मंचन अत्यधिक प्रासंगिक, राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को दर्शाता दिखा।
नाटक गिरगिट एक कुत्ते और भ्रष्ट पुलिस अधिकारी के आसपास घूमता है, जो हर समय एक गिरगिट की तरह रंग बदलता है। हर बार स्थिति सही या गलत के बावजूद बदल जाती है। स्टेज एक्शन तब शुरू होता है, जब एक कुत्ता एक जेबकतरे को काटता है, जो अधिकारियों से संपर्क करता है ताकि वह मालिक को सबक सिखा सके। एक व्यक्ति संकेत देता है कि कुत्ता स्थानीय मंत्री का है क्योंकि उसने ऐसा ही कुत्ता उसके बंगले के आसपास देखा था। इस पर थानेदार कुत्ते को सम्माजनक बताते हुए जेबकतरे को मारने लगता है। उसका कहना है कि मंत्री का कुत्ता किसी को कैसे काट सकता है। वह तभी काट सकता है जब उसे किसी ने परेशान किया हो। जब जेबकतरे की पिटाई चल रही होती है, तो भीड़ में से आवाज आती है कि कुत्ता मंत्री का नहीं हो सकता, मंत्री को तो शिकारी कुत्ते रखने का शौक है। इस पर कुत्ते की पिटाई शुरू हो जाती है। जेबकतरे को मुआवजा दिलवाने के लिए कुत्ते के मालिक की तलाश शुरू हो जाती है। कुत्ते की तब तक पिटाई जारी रखी जाती है जब तक मंत्री का कोई कर्मचारी सामने नहीं आ जाता कि आखिर पता चल सके कि कुत्ता मंत्री का है या नहीं। उसी समय मंत्री का नौकर कुत्ते को पहचानने से इन्कार कर देता है। बाद में उसे मंत्री के भाई के रूप में पहचानता है। जो दिल्ली के दौरे पर हैं। इस पर कुत्ते को पूरे आधिकारिक प्रोटोकॉल के साथ घर वापस ले जाया जाता है।
पुलिस अधिकारी के रूप में सुशांत चाढ़क ने मुख्य भूमिका निभाई। रक्षा अरोड़ा, मीनाक्षी भगत ने वरिष्ठ नौकरशाहों की जटिलताओं को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया। मनोज ललोत्रा ने जेबकतरे, शिवम ¨सह ने मंत्री के रूप में दर्शकों को बांधे रखा। शिवम शर्मा, बृजेश अवतार शर्मा, अजय कुमार, आरती देवी ने अपनी भूमिका से न्याय किया। मंच संचालन नीरज ने किया जबकि संयोजन मोहम्मद यासीन ने किया।