काटे सात हजार पेड़ों के बदले लगाएंगे 14 हजार पौधे
सुरेंद्र ¨सह, जम्मू फोरलेन होने जा रहा जम्मू-अखनूर मार्ग सात हजार पेड़ों की बलि ले गया।
सुरेंद्र ¨सह, जम्मू
फोरलेन होने जा रहा जम्मू-अखनूर मार्ग सात हजार पेड़ों की बलि ले गया। इस मार्ग के दोनों ओर यूकेलिप्टस, पापुलर व कुछ अन्य तरह के पेड़ लगे थे। मार्ग के विस्तारीकरण के चलते इन पेड़ों को काटना पड़ा। इस कारण पूरे शहर की आबोहवा पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
जम्मू से अखनूर तक करीब तीस किलोमीटर लंबे इस मार्ग को फोरलेन करने का काम जोरों पर है। इस मार्ग के फोरलेन होने के बाद यहां से गुजरने वाले लोगों को लाभ तो मिलेगा लेकिन पर्यावरण को नुकसान विस्तारीकरण से पहले ही पहुंच चुका है। जम्मू-अखनूर अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। इसकी खूबसूरती का कारण एक तरफ से बहने वाली रणबीर कैनाल और इसके दोनों ओर लगे हरे भरे पेड़ थे। इस मार्ग पर लगे पेड़ जम्मू शहर के फेफड़ों की तरह थे जो पूरे शहर के प्रदूषण को झेल साफ हवा लोगों को देते थे। इस मार्ग के दोनों ओर बसे इलाकों में गर्मी के दिनों भी तापमान शहर के अन्य इलाकों के मुकाबले कम रहता था और इसका श्रेय भी वहां पर लगे पेड़ों को ही जाता था। पर्यावरणविद मंजीत ¨सह का कहना है कि समय के साथ विकास तो ठीक है लेकिन पर्यावरण का ख्याल रखना प्राथमिकता होनी चाहिए। इस मार्ग का विस्तारीकरण ऐसे करना चाहिए था कि कम से कम पेड़ों को काटा जाता और काटे पड़ों की जगह ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए जाते।
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-फ्लोरिकल्चर विभाग से मांगी पौधों की सूची
डिवीजनल कमिश्नर संजीव वर्मा ने जम्मू-अखनूर मार्ग पर काटे गए पेड़ों की भरपाई दोगुने पेड़ लगाकर की जाएगी। इसके लिए उन्होंने जम्मू नगर निगम के कमिश्नर, डायरेक्टर फ्लोरिकल्चर, डीएफओ सोशल फॉरेस्टरी, डीएफओ अर्बन जम्मू, मार्ग बना रहे नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के जीएम और टाउन प्लानर जेडीए के साथ बैठक कर प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा है। बैठक में मार्ग के सौंदयीकरण और पौधरोपण पर चर्चा की गई है। उन्होंने फ्लोरिकल्चर विभाग से उन पौधों की सूची भी मांगी है जिनको सड़क किनारे लगाया जाएगा जबकि टाउन प्लानर प्रोजेक्ट तैयार करेगा। इसके अलावा कुछ अन्य जगहों को भी चिन्हित किया जा रहा है जहां बड़े पेड़ लगाए जाएंगे जिससे वातावरण स्वच्छ बना रहे।