Jammu Kashmir: नए वित्त वर्ष में जम्मू कश्मीर में लागू होगी योजना आधारित बजट प्रणाली, विकास पर दिया जाएगा जोर
Jammu Kashmir पंचायती राज संस्थानों व इंटर जिला प्लान के दायरे में न आने वाले कामकाज यूटी स्तरीय प्लान का हिस्सा होंगे। इसी बीच जिला विकास आयुक्त सुनिश्चित करेंगे कि वर्क प्लान व एक्शन प्लान पंचायती राज संस्थानों को विश्वास में लेकर बनाए जाएं।
जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू कश्मीर सरकार ने विकास की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए नए वित्त वर्ष में जिला व यूटी स्तरीय प्लान के तहत योजना आधारित बजट प्रणाली अपनाने का फैसला किया है। सरकार ने जिला व यूटी स्तरीय प्लान में स्पष्ट भेद के लिए विकास की 12 योजनाओं को एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष में जिला प्लान का हिस्सा बनाया है।
इन योजनाओं में एरिया डेवलपमेंट योजना के दायरे में आने वाली जिला विकास परिषद, ब्लाक विकास परिषद की ग्रांट, जिला विकास आयुक्तों द्वारा प्रभावी बनाई जा रही यूनाइटेड स्कीम, नेशनल फैमिली बेनिफिट स्कीम, एस्पीरेशनल ब्लॉक डेवलपमेंट, आकांक्षी पंचायत डेवलपमेंट स्कीम, समृद्ध बीमा योजना, बैक टू विलेज प्रोग्राम, बुनियादी ढांचा विकास योजना, सीमांत क्षेत्र विकास योजना, विधायक विस क्षेत्र विकास फंड, संसदीय क्षेत्र विकास योजना व स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स शामिल हैं। इसके साथ पंचायत स्तरीय प्लान व ब्लाक स्तरीय प्लान को भी जिला प्लान का हिस्सा बनाया गया है।
विकास पर दिया जाएगा जोर
वहीं पंचायती राज संस्थानों व इंटर जिला प्लान के दायरे में न आने वाले कामकाज यूटी स्तरीय प्लान का हिस्सा होंगे। इसी बीच जिला विकास आयुक्त सुनिश्चित करेंगे कि वर्क प्लान व एक्शन प्लान, पंचायती राज संस्थानों को विश्वास में लेकर बनाए जाएं। यह कार्रवाई 73 संशोधन के तहत संविधान में शामिल किए गए 11वें शेड्यूल को ध्यान में रखते हुए की जानी चाहिए। जिलों के वर्क प्लान में 29 मामले आएंगे।
वार्षिक प्लान में होगा प्लान
जिला विकास आयुक्तों को कहा गया है कि जिलों में प्रभावी बनाई जा रही केंद्र प्रायोजित योजनाएं, जिला प्लान में आएंगी। वहीं नाबार्ड द्वारा फंड की जाने वाली योजनाएं यूटी प्लान के तहत विभागों के वर्क प्लान का हिस्सा होंगी। इस संबंध में डेवलपमेंट एक्सपेंडिचर डिवीजन जिलों के वार्षिक प्लान में शामिल किए जाने वाले कार्यों के लिए अलग से विस्तार में दिशानिर्देश जारी करेंगे।