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चीनी सेना के साथ मिलकर पाक खुफिया एजेंसी ने बदला पैंतरा, सर्दियों में घुसपैठ बढ़ाने की साजिश, PLA के अधिकारी दे रहे प्रशिक्षण

जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों की भौगोलिक परिस्थितियों को समझने का प्रयास करते हुए घुसपैठ के रास्तों के अलावा सैन्य प्रतिष्ठानों की जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया है।बैठक में आइएसआइ के अधिकारियों के अलावा पाकस्तानी सेना की 12 इन्फैंट्री ब्रिगेड और मिनीमर्ग स्थित नार्दन एरिया के अधिकारी भी मौजूद थे।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 11 Nov 2021 03:38 PM (IST)Updated: Fri, 12 Nov 2021 11:54 AM (IST)
चीनी सेना के साथ मिलकर पाक खुफिया एजेंसी ने बदला पैंतरा, सर्दियों में घुसपैठ बढ़ाने की साजिश, PLA के अधिकारी दे रहे प्रशिक्षण
पीएलए, पाकिस्तानी सेना को आवश्यक साजो-सामान प्रदान कर रहा है

जम्मू, नवीन नवाज। एक तरफ सुरक्षाबलों ने इन सर्दियों में कश्मीर में मरणासन्न आतंकवाद पर अंतिम प्रहार की तैयारी तेज कर दी है। वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना अब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का सहारा लेकर बर्फबारी में आतंकियों की घुसपैठ की बड़ी साजिश रच रही है। तीन माह में पीएलए के वरिष्ठ अधिकारियों के दो दलों ने गुलाम कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर स्थित पाकिस्तानी सेना की अग्रिम चौकियों के दौरे किए हैं। कई पुराने आतंकी कमांडरों और आतंकी गाइडों से मुलाकात की। उसके बाद से आतंकी शिविरों और उनके ढांचे में पाकिस्तान ने कई बदलाव किए हैं।

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भारतीय खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान और चीन की नई साजिश से अलर्ट पर हैं और सर्दियों में घुसपैठ रोकने के प्रति अतिरिक्त सतर्कता बरतने के आदेश दिए गए हैं। इस साल गुलाम कश्मीर की तरफ से आतंकियों की घुसपैठ की कई बड़ी कोशिशें नाकाम रही हैं। इससे पाकिस्तानी सेना और गुलाम कश्मीर में बैठे आतंकी सरगना पूरी तरह हताश हैं। वह कश्मीर में आतंकवाद को जिंदा रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को कश्मीर में पहुंचाने के लिए हरसंभव साजिश कर रहे हैं।

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, गुलाम कश्मीर में स्थित आतंकी शिविर और लांचिंग पैड अक्टूबर के दौरान खाली होने लगते थे और इनमें फरवरी-मार्च में गतिविधियां शुरू होती थी, लेकिन इस बार वहां सक्रियता बढ़ती दिख रही है। खासकर पीएलए के अधिकारियों के दौरे के बाद काफी गतिविधियां देखी गई हैं। तीन माह में गुलाम कश्मीर के जोढ़ा, केल, लीपा, नौगाम, शारदा, चकौटी, गुलातरी, हट्टियां और राजौरी-पुंछ के सामने भिंबर के इलाके में पीएलए के वरिष्ठ अधिकारियों के दो दलों ने दौरा कर एलओसी पर पाकिस्तानी सेना की कई अग्रिम चौकियों का जायजा लिया। उन्होंने कुपवाड़ा, बारामुला, बांडीपोरा, राजौरी व पुंछ के कई आतंकी कमांडरों और आतंकियों के गाइडों से भी मुलाकात की है। इनसे जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों की भौगोलिक परिस्थितियों को समझने का प्रयास करते हुए घुसपैठ के रास्तों के अलावा सैन्य प्रतिष्ठानों की जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया है।बैठक में आइएसआइ के अधिकारियों के अलावा पाकस्तानी सेना की 12 इन्फैंट्री ब्रिगेड और मिनीमर्ग स्थित नार्दन एरिया के अधिकारी भी मौजूद थे।

बर्फ में चलने और लड़ने का दिया जा रहा प्रशिक्षण :

इन बैठकों के बाद गुलाम कश्मीर में आतंकियों के सात पुराने लांचिंग पैड व तीन प्रशिक्षण शिविरों को बदल दिया गया है। लीपा घाटी में चीनी सेना का एक दस्ता डेरा डाले हुए है। यह वही इलाका है जहां भारतीय सेना ने पिछले वर्ष पाकिस्तानी सेना के सैन्य प्रतिष्ठानों और तीन आतंकी शिविरों व लांचिंग पैड को भारी नुकसान पहुंचाया था। इसके अलावा स्कर्दु और गिलगित में दो नए आतंकी प्रशिक्षण शिविर बनाए गए हैं। वहीं, चीन की एक तथाकथित निर्माण कंपनी का बड़ा प्रतिष्ठान भी है। यहां 15 से 20 आतंकियों को अलग-अलग गुटों में बर्फ में चलने और लड़ने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण लगभग दस दिन का है।आइएसआइ और आतंकी सरगनाओं ने पीएलए के सहयोग से अपनी घुसपैठ की रणनीति और अपने कैडर की ट्रेनिंग में बदलाव किया है।

सर्दियों में तेज होंगी घुसपैठ की कोशिशें :

इसलिए सर्दियों में भी घुसपैठ की कोशिशें पहले से ज्यादा होंगी। घुसपैठ के दौरान कई जगह दो से तीन आतंकी होंगे और कुछ जगहों पर उनकी तादाद आठ से दस तक होगी। इसे देखते हुए सेना और बीएसएफ ने एलओसी घुसपैठरोधी तंत्र की समीक्षा करते हुए कई अस्थायी निगरानी चौकियों को सर्दियों में भी बरकरार रखने का फैसला किया है। इसके अलावा शून्य से नीचे 30 से 40 डिग्री तापमान में और बर्फ के नीचे भी काम करने वाले सेंसर लगाए जा रहे हैं।


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