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पीएचई विभाग के फील्ड स्टाफ की छुट्टियां रद

जागरण संवाददाता, जम्मू : पब्लिक एंड हेल्थ इंजीनियरिंग (पीएचई) विभाग के अस्थायी कर्मियों की का

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 09:27 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 09:27 PM (IST)
पीएचई विभाग के फील्ड 
स्टाफ की छुट्टियां रद
पीएचई विभाग के फील्ड स्टाफ की छुट्टियां रद

जागरण संवाददाता, जम्मू : पब्लिक एंड हेल्थ इंजीनियरिंग (पीएचई) विभाग के अस्थायी कर्मियों की कामछोड़ हड़ताल बढ़ते देख विभाग ने आपातकालीन स्थिति घोषित करते हुए स्थायी फील्ड स्टाफ की छुट्टियां रद कर दी हैं।

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स्थायी नियुक्ति, बकाया वेतन जारी करने और नियमित वेतन देने की व्यवस्था करने की मांग को लेकर अस्थायी कर्मियों को कामछोड़ हड़ताल पर गए करीब दो सप्ताह हो गए हैं। शहरों में भले स्थिति काबू में है, लेकिन आसपास और दूरदराज इलाकों में पानी की किल्लत शुरू हो गई है। अभी तक स्थायी स्टाफ ही सप्लाई व्यवस्था को संभाले हुए था। अब हड़ताल को लंबा ¨खचता देख चीफ इंजीनियर ने एक स्थायी कर्मचारी से तीन शिफ्ट काम करने के लिए कहा है।

जम्मू शहर की बात करें तो विभाग ने यहां पानी की सप्लाई नियमित बनाने के लिए चीफ इंजीनियर के आदेश पर सभी डिवीजन इंचार्ज ने ट्यूबवेल, पं¨पग स्टेशनों पर स्थायी फील्ड स्टाफ जिनमें मोटरमैन, पंप ड्राइवर, हेल्पर, खलासी, टर्नकाक व फिटर शामिल हैं, की नियुक्ति कर दी थी। ऐसे एक स्टेशन पर पूरा दिन तीन कर्मचारी शिफ्ट में काम करते हैं। स्टेशनों की देखरेख जूनियर इंजीनियर के जिम्मे होती है, लेकिन अब व्यवस्था में बदलाव किया गया है। एक स्टेशन की जिम्मेदारी एक फील्ड कर्मचारी को सौंप दी गई है। यानी वही पूरा दिन स्टेशन का कामकाज संभालेगा। वहां तैनात दो अन्य कर्मचारियों को इसी तरह दूसरे स्टेशनों की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।

जहां तक जूनियर इंजीनियरों की बात है तो वह भी फील्ड स्टाफ की तरह दिन-रात ड्यूटी कर रहे हैं। जब तक अस्थायी कर्मियों की हड़ताल समाप्त नहीं होती, किसी भी स्थायी फील्ड स्टाफ को छुट्टी नहीं दी जाएगी। इस व्यवस्था के कारण शहरों में तो पानी की सप्लाई सुनिश्चित हो गई है, लेकिन अखनूर, सुंदरबनी, राजौरी, पुंछ, डोडा, किश्तवाड़, ऊधमपुर, कठुआ व सांबा इलाकों में पानी की किल्लत हो गई है। कारण, ग्रामीण व दूरदराज इलाकों में स्थायी फील्ड स्टाफ की 60 फीसद कमी है। यहां पं¨पग स्टेशन व ट्यूबवेल का कामकाज स्थायी कर्मियों के जिम्मे है। यही वजह है कि यहां रहने वाले अधिकतर ग्रामीण प्राकृतिक स्त्रोतों या फिर हैंडपंप पर निर्भर हैं। इसके अलावा जो अस्थायी कर्मी दूसरी यूनियन के हक में है, वे भी हड़ताल के दौरान काम कर रहे हैं।

ऑल जेएंडके पीएचई आइटीआइ ट्रेंड एंड सीपी वर्कर्स यूनियन के प्रधान तनवीर हुसैन ने कहा कि उनकी हड़ताल को प्रभावित करने वाले ऐसे कर्मियों के खिलाफ यूनियन कड़ा रूख अपनाएगी। आंदोलन को प्रभावित करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।


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