बेबस पीएचई अस्थायी कर्मियों ने सरकार को कोसा, कहा मार्च समाप्त हुआ पर वेतन नहीं मिला
आर्थिक तंगी का शिकार इन कर्मियों को सरकार हर माह कोई नया सपना दिखाती है और बाद में उसे तोड़ दिया जाता है।
जम्मू, जेएनएन। सरकार ने अप्रैल से पीएचई कैजुअल कर्मियों को स्थायी करने, बकाया वेतन जारी करने व वेजहैड बनाकर नियमित वेतन जारी करने का जो वायदा किया था, वे भी हवाहवाई नजर आया। वित्त विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रोहित कंसल ने अस्थायी कर्मियों से इसके लिए 31 मार्च तक इंतजार करने को कहा था। ऐसे में दी गई मोहलत में भी जमीनी स्तर पर उनकी समस्याओं को हल न होते देख पीएचई अस्थायी कर्मियों ने प्रदर्शनी मैदान में धरना-प्रदर्शन किया और सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों को जमकर कोसा। धरना-प्रदर्शन कर रहे कर्मियों ने सरकार को ये स्पष्ट कर दिया कि जब तक उनकी मांगों को हल नहीं किया जाता, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे दीपक गुप्ता ने कहा कि सरकार की इस लेटलतीफी के कारण कर्मियों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। आर्थिक तंगी का शिकार इन कर्मियों को सरकार हर माह कोई नया सपना दिखाती है और बाद में उसे तोड़ दिया जाता है। गत माह रोहित कंसल ने कर्मियों को बार-बार इस बात का यकीन दिलाया था कि वित्त वर्ष की समाप्ति के साथ ही उनकी दिक्कतें समाप्त हो जाएंगी। नया वित्तीय वर्ष उनके लिए सुखद एहसास लेकर आएगा। कर्मी एक बार फिर अपने-आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। समय पूरा हो गया परंतु जमीनी स्तर पर कुछ भी होता नजर नहीं आ रहा। पचास महीनों से भी अधिक समय से कर्मियों को वेतन न मिलने के कारण पहले से ही भूखमरी की कगार पर पहुंच चुके इन कर्मियों के लिए अपने बच्चों को स्कूलों में पढ़ाना भी मुश्किल हो गया है।
इन्हीं हालातों से परेशान कई कर्मी खुदकुशी करने को मजबूर हो गए हैं। धरना-प्रदर्शन कर रहे कर्मियों ने कहा कि वे सरकार से अपना हक मांग रहे हैं। अपने जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष विभाग को देने के बाद उनसे यह बरताव किया जा रहा है कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। उनकी नियुक्ति पर प्रश्नचिन्ह लगाए जा रहे हैं। गुस्साए कर्मियों ने कहा कि यदि सरकार ने जल्द उनके भविष्य का फैसला नहीं किया तो उनके पास एक बार फिर आंदोलन को तेज करने के सिवा कुछ नहीं रह जाएगा।
इसी बीच श्रीनगर में भी अस्थायी पीएचई कर्मियों ने आल जेएंडके पीएचई आईटीआई ट्रेंड एंड सीपी वर्कर्स, लैंड डोनर यूनियन के प्रधान तनवीर हुसैन के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन किया। तनवीर ने कहा कि अब अधिकारी अप्रैल में दो सप्ताह के भीतर परिणाम सामने आने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भले अधिकारी टालमटोल की नीति अपनाएं परंतु कर्मियों का जारी आंदोलन तब तक समाप्त नहीं होगा जब तक उन्हें उनका हक नहीं मिल जाता।