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सरकार को दिया अल्टीमेटम समाप्त, कल से फिर सड़कों पर उतरेंगे पीएचई कर्मी

सरकार की टालमटोल वाली नीति से तंग आ चुके ये कर्मी जम्मू संभाग की जलापूर्ति को ठप करने की नीति भी बना रहे हैं ताकि मांगों को मनवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जा सके।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 01:38 PM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 01:38 PM (IST)
सरकार को दिया अल्टीमेटम समाप्त, कल से फिर सड़कों पर उतरेंगे पीएचई कर्मी
सरकार को दिया अल्टीमेटम समाप्त, कल से फिर सड़कों पर उतरेंगे पीएचई कर्मी

जम्मू, जेएनएन। सरकार को स्थायी नियुक्ति, बकाया वेतन देने के लिए पीएचई अस्थायी कर्मियों द्वारा दिया गया समय आज समाप्त हो रहा है। हड़ताली कर्मियों की मांगों पर सरकार ने क्या निर्णय लिया है अभी तक इस संबंध में सरकार ने कोई घोषणा नहीं की है। ऐसे में प्रदर्शनी मैदान में धरने पर बैठे अस्थायी कर्मी एक बार फिर सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। सरकार की टालमटोल वाली नीति से तंग आ चुके ये कर्मी जम्मू संभाग की जलापूर्ति को ठप करने की नीति भी बना रहे हैं ताकि मांगों को मनवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जा सके।

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पिछले पंद्रह दिनों के भीतर सचिवालय व राजभवन का घेराव करने का प्रयास कर चुके पीएचई अस्थायी कर्मियों को फाइनेंस सेक्रेटरी ने यह विश्वास दिलाया था कि 31 दिसंबर तक एसआरओ-520 को लागू करने व 50 महीनों का बकाया वेतन जारी करने संबंधी मांगों पर निर्णय ले लिया जाएगा। बैठक में मौजूद पीएचई प्रबंधन ने यह आश्वासन भी दिया कि भविष्य में ऐसी नीति भी बना दी जाएगी ताकि इन कर्मियों को बार-बार अपने हक के लिए सड़कों पर न उतरना पड़े। सरकार का फैसला जानने के लिए पीएचई कर्मी सोमवार को प्रदर्शनी मैदान में एकत्र हुए। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे आल जेएंडके पीएचई आईटीआई ट्रेंड एंड सीपी वर्कर्स यूनियन के प्रधान तनवीर हुसैन ने कहा कि अभी तक उन्हें बातचीत का कोई न्यौता नहीं मिला है।

सरकार द्वारा उनसे मांगी समयावधि आज समाप्त हो रही है। दोपहर बाद यूनियन के पदाधिकारी सरकार का पक्ष जानने के लिए सचिवालय भी जाएंगे। यदि हर बार भी तरह उन्हें फिर कोरे आश्वासन दिए गए तो इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा। तनवीर ने कहा कि अब अगर वे सड़कों पर उतरते हैं तो सरकार के लिए यह परेशानी का सबब होगा। बीस सालों से भी अधिक समय से काम कर रहे ये कर्मी अब आर्थिक तंगी का शिकार हो रहे हैं। बीवी-बच्चों, माता-पिता का पालन-पोषण करने में नाकाम ये कर्मी अब अपनी जान तक लेने से परहेज नहीं कर रहे। ऐसे में यदि उनका गुस्सा फूटता है तो यह सभी के लिए दिक्कतें पैदा करेगा। पीएचई विभाग में इन कर्मियों की संख्या 22 हजार के करीब है। पूरी सप्लाई व्यवस्था इन्हीं कर्मियों के जिम्मे है। यदि हड़ताल बढ़ती है तो लखनपुर से लेकर लद्दाख तक लोग पानी की बूंद-बूंद को तरसेंगे। तनवीर ने कहा कि यूनियन अपना फैसला शाम 5 बजे घोषित करेगी। 


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