25 को चौबीस घंटे की काम छोड़ हड़ताल पर जाएंगे पीएचई कर्मचारी
पचास महीनों से भी अधिक समय से वेतन न मिलने के कारण ये कर्मी कई दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। कर्मियों के लिए परिवार का पालन-पोषण करना ही नहीं बल्कि बच्चों को पढ़ाना भी मुश्किल हो गया है।
जम्मू, जागरण संवाददाता। पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग प्रबंधन और राज्यपाल प्रशासन के खिलाफ कर्मियों ने आंदोलन का मन बना लिया है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे अस्थायी कर्मियों को उनका हक दिलाने के लिए पीएचई इंप्लाइज यूनाइटेड फ्रंट के बैनर तले संगठित हुए यूनियन नेताओं ने फिलहाल चौबीस घंटे की टोकन काम छोड़ हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। कर्मियों की यह हड़ताल 25 मार्च को शुरू होगी। पीएचई प्रबंधन व प्रशासन के खिलाफ शुरू की जा रही इस मुहिम को सफल बनाने के लिए फ्रंट ने अभियान भी तेज कर दिया है।
फ्रंट में शामिल बख्शी सिंह, शिव कुमार शर्मा, सुभाष वर्मा, करतार चंद दुबे और भानू प्रताप ने बुधवार को पीएचई की विभिन्न डिवीजनों में जाकर कर्मियों से बैठक की और उन्हें अपने हक के लिए जागरूक किया। उन्होंने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि अपना दायित्व पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ निभाने के बाद भी उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। पचास महीनों से भी अधिक समय से वेतन न मिलने के कारण ये कर्मी कई दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। कर्मियों के लिए परिवार का पालन-पोषण करना ही नहीं बल्कि बच्चों को पढ़ाना भी मुश्किल हो गया है।
हद तो यह है कि एसआरओ-520 को लागू हुए एक साल से अधिक समय हो गया है परंतु स्थायी नियुक्ति प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। प्रशासन अभी तक विभाग से इन कर्मियों का आंकड़ों ही जुटा रहा है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि प्रशासन को इन कर्मियों की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं है। वर्मा ने कहा कि अस्थायी कर्मी ही नहीं विभाग में कार्यरत स्थायी कर्मचारियों की भी कहीं सुनवाई नहीं है। नियमित पदोन्नति, नाैकरी के अन्य लाभ पाने के लिए कर्मियों को अांदोलन का मार्ग ही अपना पड़ता है। उन्होंने सभी कर्मियों से एकजुट होकर आंदोलन को सफल बनाने के लिए कहा ताकि जल्द से जल्द उनके मुद्दे हल हों।
बख्शी सिंह ने अपनी मांगे दोहराते हुए कैजुअल कर्मियों को बकाया वेतन का भुगतान एक किश्त में करने, जिस दिन से उन्होंने नौकरी शुरू की है, उसी दिन को नियुक्ति दिन माना जाए, हर महीने वेतन देने की व्यवस्था करने, सेवानिवृत्त हो चुके अस्थायी कर्मियों को पांच लाख रूपये राहत राशि देने व भविष्य में इस तरह की व्यवस्था करने, स्थायी स्टाफ को पदोन्नत करने के लिए डीपीसी समयबद्ध ढंग से करने आदि की बात रखी। फ्रंट ने कर्मियों को बताया कि टोकन काम छोड़ हड़ताल 25 मार्च को रात 8 बजे से आरंभ होकर दूसरे दिन 26 मार्च रात 8 बजे समाप्त होगी। इस हड़ताल में अस्थायी कर्मियों के साथ-साथ स्थायी कर्मचारी भी शामिल होंगे। यदि इसके बाद भी उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो फ्रंट अगली रणनीति की घोषणा बाद में करेगा।