Move to Jagran APP

आर्थिक तंगी से जूझ रहे कर्मियों का प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, जम्मू : पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिग विभाग में कार्यरत अस्थायी कर्मियों ने सोमवार को

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 02:46 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 02:46 AM (IST)
आर्थिक तंगी से जूझ रहे कर्मियों का प्रदर्शन
आर्थिक तंगी से जूझ रहे कर्मियों का प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, जम्मू : पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिग विभाग में कार्यरत अस्थायी कर्मियों ने सोमवार को प्रदर्शनी मैदान में धरना-प्रदर्शन कर सरकार से सवाल किया कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे कर्मियों को आत्महत्या करने को आखिरकार क्यों मजबूर होना पड़ रहा है? पीएचई प्रबंधन व सरकार की अनदेखी से तंग आ चुके इन कर्मियों को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने राज्यपाल से अपील की कि वह इन मौतों के लिए जिम्मेदार लोगों को सामने लाए और उनके खिलाफ सख्त कारवाई करें।

loksabha election banner

प्रदर्शन में शामिल कर्मियों ने यह आरोप भी लगाए कि बीस साल से भी अधिक समय से काम कर रहे इन कर्मियों को जब इंसाफ की उम्मीद हुई तो उनकी नियुक्ति पर सवालिया निशान लगाते हुए प्रक्रिया को टालना शुरू कर दिया गया। धीमी गति से हो रही कार्यवाही के दौरान इन कर्मियों को 60 महीने से वेतन भी नहीं दिया गया है। पिछले छह महीने में कई कर्मी अपनी जान चुके हैं। कुछ आत्महत्या का प्रयास कर चुके हैं। हद तो यह है कि इन सबके बावजूद प्रबंधन ने एसआरओ-520 को लागू करने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है।

आल जेएंडके पीएचई आइटीआइ ट्रेंड, सीपी एंड लैंड डोनर वर्कर्स एसोसिएशन के प्रधान तनवीर हुसैन ने कहा कि जम्मू पीएचई विभाग में कार्यरत अस्थायी कर्मियों की संख्या 23 हजार के करीब है, जबकि कश्मीर में 9000 कर्मी काम कर रहे हैं। ये कर्मी आर्थिक तौर पर इस कदर कमजोर हो चुके हैं कि उनके लिए परिवार को पालना ही नहीं बच्चों को पढ़ाना भी मुश्किल हो गया है। अधिकारी व सरकारी तंत्र हमेशा टालमटोल कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ देता है। भीख मांगने की नौबत आ चुकी है। इन कर्मियों को राज्यपाल शासन से काफी उम्मीदें थीं।

प्रदर्शन में शामिल दीपक गुप्ता, सुभाष चंद्र, मंजीत सिंह, विजय कुमार ने राज्यपाल से अपील की कि वह कर्मियों की दशा को समझें और उन्हें उनका हक दें।

-----

यह हैं मुख्य मांगे

- एसआरओ-520 को सख्ती से लागू कर सभी कर्मियों को स्थायी किया जाए

- 60 महीने से बकाया वेतन कर्मियों को एक मुश्त में दिया जाए

- स्थायी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने तक पे-बैंड बनाकर कर्मियों को नियमित वेतन दिया जाए


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.