विश्व आर्थराइटिस दिवस: बदलती जीवनशैली से आर्थराइटिस से पीड़ित हो रहे लोग
पहले कहा जाता था कि अधिक उम्र के लोगों को ही यह बीमारी होती है लेकिन अब कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। अगर आपके जोड़ों में दर्द व सूजन है और हड्डियां भी कमजोर हैं तो देर न करें और तुरंत डाक्टर से जांच करवाएं। यह आर्थराइटिस (गठिया) हो सकता है। लोगों की जीवनशैली में आए बदलाव के कारण बहुत से लोग इस बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। इनमें कई ऐसे भी हैं जो कि पचास साल से कम उम्र के हैं। मेडिकल कालेज जम्मू के अलावा अन्य अस्पतालों में भी आर्थराइटिस के मरीज आए दिन जांच करवाने के लिए पहुंचे होते हैं। डाक्टरों का कहना है कि पहले पचास साल की उम्र के बाद ही लोगों में आर्थराइटिस की समस्या होती है। मगर अब कई ऐसे हैं जो कि कम उम्र में भी जोड़ों की दर्द से परेशान हैं। डाक्टरों ने इसका प्रमुख कारण, मधुमेह, तंबाकू का सेवन करना, मोटापा होना।
आर्थराइटिस के कई कारण
राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में आर्थाेपैडिक्स विभाग के एचओडी डा. संजीव गुप्ता का कहना है कि आर्थराइटिस के कारण हैं। मधुमेह के कारण जोड़ों का दर्द अधिक होता है। इस कारण मधुमेह से पीड़ित एक तिहाई लोगों में इस रोग की भी आशंका होती है। इसके अलावा मोटापा, मादक पदार्थों का सेवन, जंक फूड का सेवन करना, कंप्यूटर पर बैठकर घंटों काम करने और व्यायाम न करने के कारण भी यह बीमारी होती है। उन्होंने कहा कि पहले कहा जाता था कि अधिक उम्र के लोगों को ही यह बीमारी होती है लेकिन अब कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में हैं।
यह है आर्थराइटिस
आर्थराइटिस में मरीज के जोड़ों में दर्द और सूजन होने लगता है। मरीज को चलने में दिक्कत होती है। ज्यादातर समस्या हाथ व पैर में होती है। यह समस्या अधिकांश पचास साल के बाद ही होती है। यह अनुवांशिक समस्या भी होती है। पुरुष और महिलाएं दोनों में ही यह बीमारी है। महिलाओं में जोड़ों के दर्द का प्रमुख कारण कम काम करना, ऊंची एड़ी की सैंडल पहनना भी है।
यह है आर्थराइटिस के लक्षण
आर्थराइटिस के कारण जोड़ों में असहनीय दर्द होता है। रूमेटाइटड अर्थराइटिस में सुबह के समय दर्द बहुत बढ़ जाता है। कुछ मामलों में आर्थराइटिस का दर्द असहनीय हो जाता है। इसके कारण चलने-फिरने में दिक्कत हो सकती है। कई बार शरीर में यूरीक एसिड बढ़ जाता है। इसे गाउट भी कहा जाता है। इससे भी बहुत दर्द होती है।
तुरंत करवाएं डाक्टर से जांच
जीएमसी में आर्थोपैडिक्स विभाग में डा. बियास देव का कहना है कि जब भी यह पता चले कि आर्थराइटिस रोग है तो तुरंत डाक्टर से जांच करवाएं। देसी इलाज न करवाएं। बहुत से मामलों में देखा गया है कि लोग देसी इलाज करवाने को प्राथमिकता देते हैं। इससे बीमारी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि जोड़ों के दर्द को इलाज से बिलकुल ठीक किया जा सकता है।
साइकलिंग सेहत के लिए सही
डा. बियास देव का कहना है कि नियमित रूप से साइकलिंग करने से भी पूरी तरह से फिट रहा जा सकता है। इससे हड्डियां भी सही रहती हैं। उन्होंने कहा कहा नियमित रूप से हर किसी को साइकलिंग करनी चाहिए।