Move to Jagran APP

Jammu: बरसात से भयभीत लोगों ने गेट में चढ़ा दी दीवारें, जलभराव से बचने के लिए पाइपों पर भी लगाई ट्यूबें

स्थानीय निवासी राजेंद्र सिंह लवली उमेश का कहना है कि अम्बेडकर नगर में बरसात के दौरान जलभराव होना तो तय ही होता है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 11:50 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 05:19 PM (IST)
Jammu: बरसात से भयभीत लोगों ने गेट में चढ़ा दी दीवारें, जलभराव से बचने के लिए पाइपों पर भी लगाई ट्यूबें
Jammu: बरसात से भयभीत लोगों ने गेट में चढ़ा दी दीवारें, जलभराव से बचने के लिए पाइपों पर भी लगाई ट्यूबें

जम्मू, जागरण संवाददाता : त्रिकुटा नगर एक्सटेंशन में रहने वाले लोग बरसात की दस्तक के साथ भयभीत होने लगे हैं। उन्हें डर है कि कहीं हर बार की तरह इस बार भी जलभराव होने से उन्हें नुकसान न झेलना पड़े। इसके लिए उन्होंने घरों के गेट के बाहर दीवारें बना दी हैं। इतना ही नहीं घरों से नालियों में निकलती पाइपों को भी टयूब लगाकर बचाव करने के प्रयास तेज किए हैं। वहीं शहर के निचले क्षेत्रों में भी लोगों की धड़कने भी बरसात शुरू होने के साथ बढ़ने लगी हैं।

loksabha election banner

वार्ड 52 के अधीन आने वाले त्रिकुटा नगर एक्सटेंशन, अम्बेडकर नगर में हर साल बरसात के दौरान जलभराव होता है। ऐसा नहीं कि यहां का नाला ओवरफ्लो होता हो। यहां नाले में जब पानी भर जाता है तो फिर मुहल्ले की नालियों का पानी नाले में नहीं जाता। यह पानी वापस मुहल्ले में जमा होना शुरू हो जाता है और आधे-पौने घंटे में ही कई फुट पानी मुहल्ले में जमा हो जाता है। अक्सर यह पानी लोगों के घरों में घुस जाता है।

घरों के आंगन में बनी पानी की टंकियां व सैप्टिक टैंक इससे भर जाते हैं। इतना ही नहीं कई बार घरों के अंदर भी यह पानी नुकसान कर चुका है। सरकारी अधिकारियों से निवेदन करने के बाद थक चुके लोग अब स्वयं भी बचाव करते हैं। जलभराव होता देख कोई घरों के बाहर रेत की बोरियां लगाकर पानी रोकने का प्रयास कर रहा होता है तो कोई बाल्टियों से घरों से पानी निकालने में जुटा होता है। बरसात अभी तेज नहीं हुई है। इसलिए लोगों ने घरों के गेटों के बाहर दीवारें लगा ली हैं ताकि पानी घरों में घुसने से रोका जा सके।

स्थानीय निवासी राजेंद्र सिंह, लवली, उमेश का कहना है कि अम्बेडकर नगर में बरसात के दौरान जलभराव होना तो तय ही होता है। अगर नाले को गहरा कर दिया जाता तो शायद मुहल्ले का पानी बाहर निकलता लेकिन ऐसा नहीं है। इतना ही नहीं मुहल्ले की गहरी नाली को भी नाले से सही तरीके से नहीं जोड़ा गया। इस साल तो यह टूट भी गई है। बरसात में जलभराव का खतरा बहुत है। हर रात को लोग अपनी गाड़ियों को निकल कर दूसरे मुहल्ले व ऊंचाई वाली जगह में खड़ा करते हैं। उनका कहना है कि जम्मू नगर निगम को इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने चाहिए। पुली के नजदीक नाले की सफाई कर दी गई है लेकिन समस्या का निवारण नहीं हुआ है।

वहीं निगम में नालों की सफाई का जिम्मा संभालने वाले सीटीओ हरविंद्र सिंह का कहना है कि फरवरी माह से ही नालों की सफाई का काम शुरू कर दिया गया है। अधिकतर नाले साफ कर लिए गए हैं। जलभराव वाले प्वाइंट भी चिन्हित कर साफ किए गए हैं। पूरा प्रयास है कि इस बार कहीं भी नाले ओवरफ्लो होकर नुकसान न करें। लोगों को भी चाहिए कि वे नालों में कचरा, मलवा न फेंकें।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.