Jammu: बसंतर में अवैध खनन नहीं रुकने पर भड़के ग्रामीण, पुलिस-प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन
बसंतर नदी में खनन माफिया द्वारा अवैध रूप से रेज-बजरी निकालने पर सोमवार को लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। भेड़ी गांव के लोगों ने अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई की मांग लेकर पुलिस-प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रोष जताया। प्रदर्शन का नेतृत्व क्षेत्र के नायब सरपंच थोडूराम ने किया।
सांबा , संवाद सहयोगी : बसंतर नदी में खनन माफिया द्वारा अवैध रूप से रेज-बजरी निकालने पर सोमवार को लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। भेड़ी गांव के लोगों ने अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस-प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रोष जताया। प्रदर्शन का नेतृत्व क्षेत्र के नायब सरपंच थोडूराम ने किया। उन्होंने कहा कि कि बसंतर में अवैध रूप से जो खनन चल रहा है, उससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है।
नदी के किनारे उनके खेत भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में जब बारिश में बसंतर उफनाएगी तो उनके खेत के नीचे से मिट्टी निकाल लिए जाने से वह पानी की धारा में बह जाएगी। उनका कहना था कि खनन माफिया ने नदी के किनारे नीचे-नीचे करीब बीस फुट तक खोदाई करवाई है। ऐसे में उनको अपनी जमीन छिनने का डर सता रहा है। प्रदर्शन में शामिल किसानों का कहना था कि जमीन को बचाने के लिए उन्होंने पत्थर की दीवार बनाई थी, लेकिन उसे भी खनन माफिया के लोग उखाड़ ले गए हैं। उनका कहना था कि अवैध रूप से बसंतर का सीना छलनी करने वालों से जब ऐसा नहीं करने के लिए कहा जाता है तो उनको धमकियां दी जाती हैं। वहीं, पुलिस-प्रशासन के अधिकारी भी उनकी समस्या का समाधान नहीं करवा रहे हैं। ऐसे में मजबूरन उनको प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ा है। इस अवसर पर मेजर ¨सह, छज्जू राम, जबरो राम, आशा रानी, कौशल्या देवी, दर्शना देवी मौजूद थे।
लोगों ने कहा कि अगर इस खनन को बंद नहीं करवाया तो वह सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे। शाम ढलते ही नदी का सीना छलनी करना शुरू कर देती हैं जेसीबी बिशन वर्मा ने कहा कि प्रशासन ने कई बार दावा किया कि वह बसंतर में अवैध खनन नहीं करने देगी, लेकिन वह कोई कार्रवाई नहीं करती है। ऐसे में अब तो सरेआम खनन हो रहा है। उनका कहना था कि बिना पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत के इस तहर सरेआम नदी से रेत व पत्थर निकालना संभव नहीं है। शाम ढलते ही कई जेसीबी व अन्य मशीनें बसंतर नदी में आ जाती हैं और फिर रात भर खनन होता रहता है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह कानून को लागू करने का मामला है, जिसमें प्रशासन पूरी तरह फेल साबित हो रहा है। इसलिए यदि जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया तो आसपास के गांवों के लोग खुद इसके खिलाफ सड़क पर उतरेंगे। इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी