जम्मू कश्मीर में डेढ़ महीने से आयुष्मान भारत गोल्डन हेल्थ कार्ड के लिए भटक रहे हैं लोग, जानिए क्या है वजह
डेढ़ महीनों से कार्ड के लिए चक्कर लगवा रहे डेजी कौल के अनुसार उन्होंने 26 मार्च को अपना आवेदन उप मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में जमा करवाया था लेकिन अभी तक उनका रिकॉर्ड संबंधित अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सेहत के तहत गोल्डन कार्ड बनवाने वालों को दरबदर होना पड़ रहा है। कार्ड बनना तो दूर उनका रिकॉर्ड ही पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पा रहा है। कारण पोर्टल का काम नहीं करना है। जब भी संबंधित अधिकारियों से बात करो या डाटा अपलोड करने वालों के पास जाओ तो उनका साफ जवाब होता है कि पोर्टल काम नहीं कर रहा। वहीं दूसरी ओर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तीय आयुक्त अटल ढुल्लू आए दिन यह निर्देश देते नजर आ रहे हैं कि सभी के गोल्डन कार्ड बनवाओ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर 2020 को आयुष्मान भारत, जन आरोग्य योजना की तर्ज पर आयुष्मान भारत, जन आरोग्य योजना सेहत शुरू की थी। इसका मकसद जम्मू-कश्मीर के सभी परिवारों को पांच लाख रुपयों तक के स्वास्थ्य वीमा का लाभ देना था। परिवार पंजीकृत अस्पतालों में पांच लाख रुपयों तक का कैशलेस इलाज करवा सकते हैं। मगर इसके लिए हर परिवार का वर्ष 2011 की जनगणना में नाम होना जरूरी है। जिना परिवारों के नाम इसमें शामिल नहीं हैं, उन्हें अपने क्षेत्र के तहसीलदार और डाक्टर से लिखवाना है। ऐसे परिवारों को सबसे बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह परिवार जब अपनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उप मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी जम्मू के कार्यालय में जाकर अपना आवेदन जमा करवा रहे हैं तो वहां से उनका रिकॉर्ड अपलोड नहीं हो रहा है। रिकॉर्ड अपलोड करने वालों का यह साफ कहना है कि पोर्टल ही काम नहीं कर रहा है और इसकी जानकारी विभाग के उच्चाधिकारियों को कई बार दी जा चुकी है। इससे यह साफ अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकार गोल्डन कार्ड बनाने को लेकर कितनी गंभीर है।
डेढ़ महीनों से कार्ड के लिए चक्कर लगवा रहे डेजी कौल के अनुसार, उन्होंने 26 मार्च को अपना आवेदन उप मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में जमा करवाया था लेकिन अभी तक उनका रिकॉर्ड संबंधित अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाया है। जब उन्होंने इसके बारे में उपमुख्य स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में संपर्क किया तो उनका कहना था कि अभी पोर्टल काम नहीं कर रहा। डेजी कौल की तरह ही इस कार्यालय में कई परिवार ऐसे हैं जो कि अपना कार्ड बनवाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन अभी तक कोई लाभ नहीं हुआ। उन्होंने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तीय आयुक्त अटल ढुल्लू से इस बारे में हस्तक्षेप करने की मांग की है ताकि कोरोना के समय में उनके कार्ड भी बन जाएं।