PDP उम्मीदवारों को चुनावों में निशाना न बनाने के लिए Waheed ने HM को दिए थे 10 लाख रूपये
Kashmir Terror Funding काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) की टीमों ने दक्षिण कश्मीर के जिला पुलवामा में स्थित वाहीद उर रहमान पारा के घर व अन्य ठिकानों पर छापा मारा है। आज बुधवार सुबह टीम में शामिल अधिकारी जम्मू-कश्मीर पुलिस सीआरपीएफ के जवान शामिल हैं।
श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की युवा विंग के नेता वहीद-उर-रहमान पारा ने कथित तौर पर 2019 लोकसभा चुनाव से पहले हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन को हथियार खरीदने के लिए 10 लाख रूपये इस शर्त पर दिए थे कि उनकी पार्टी के किसी नेता पर हमला नहीं किया जाएगा। टेरर फंडिंग व हिजबुल मुजाहिदीन से पारा के संबंध होने की जांच कर रही एनआइए ने इसका खुलासा किया है।
जिला विकास परिषद का चुनाव जीने वाला पारा इस समय एनआइए की हिरासत में हैं। एनआइए ने बताया कि पारा ने हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन को यह रूपये निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह के जरिए पहुंचाए। वह उस समय श्रीनगर एयरपोर्ट पर तैनात था। एनआइए सूत्रों ने बताया कि फरवरी 2019 में जब नावेद बाबू और एडवोकेट इरफान शफी मीर कथित तौर पर जम्मू में दविंदर सिंह द्वारा प्रदान किए गए एक ठिकाने में रह रहे थे, तो मीर ने हिज्बुल की मदद के लिए वित्तीय सहायता के लिए कथित तौर पर पारा से कहा।
मीर और पारा एक-दूसरे को लंबे समय से जानते हैं। मीर ने पारा से कहा कि हिजबुल मुजाहिदीन के लिए पांच एके-47 राइफल खरीदने के लिए उन्हें 10 लाख रुपये की आवश्यकता है। पारा यह रूपये देने को राजी हो गए परंतु उन्होंने शर्त रखी कि हिजबुल मुजाहिदीन का कोई सदस्य चुनावों के खड़े होने वाले उनकी पार्टी के नेता या कार्यकर्ता को निशाना नहीं बनाएगा। यही नहीं उनका संगठन पुलवामा में पीडीपी कार्यकर्ताओं का ध्यान रखेगा। सीधे तौर पर चुनाव जीतने के लिए उन्होंने हिजबुल का समर्थन मांगा।
आपको बता दें कि निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शोपियां गांदरबल हाईवे पर 11 जनवरी, 2020 को उस समय गिरफ्तार किया था जब वह अपनी हुंडई आई-10 कार में बैठाकर हिजबुल जिला कमांडर नावेद बाबू, हिजबुल ऑपरेटिव रफी अहमद डार को सुरक्षित स्थान की ओर ले जा रहा था। एनआइए ने जब इस मामले की जांच की तो उसने बाद में क्रास एलओसी व्यापारी तनवीर अहमद वानी, एडवोकेट इरफान शफी मीर और नावेद के भाई सैयद इरफान अहमद को भी टेरर फंडिंग मामले में संलिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार कर लिया था।
एनआइए अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान जब उन्होंने मीर की मोबाइल कॉल को खंगाला तो उसमें पारा का नंबर भी शामिल था। मीर से पूछताछ करने पर इस बात का खुलासा हुआ।
एनआइए सूत्रों ने बताया कि हिजबुल मुजाहिदीन और पारा के बीच हुए सौदे को प्रभावी बनाने का काम निलंबित दविंदर सिंह को सौंपा गया। दविंदर ने 18 फरवरी, 2019 को पारा को फोन किया। पारा ने भी दविंदर को वापस कॉल किया है। मार्च, 2019 में पारा ने अपने एक व्यक्ति को लिफाफे में 10 लाख रुपये के साथ श्रीनगर हवाई अड्डे पर भेजा। उसे यह लिफाफा दविंदर सिंह को सौंपने के लिए कहा गया था। सिंह तब वहीं तैनात था। सिंह ने रूपये प्राप्त किए उसे टिफिन बॉक्स में रख बाद में नावेद बाबू तक पहुंचा दिए।
एनआइए अधिकारी ने बताया कि अपनी जांच को मजबूत बनाने के लिए उन्होंने मीर और नवीद बाबू के स्वीकारोक्तिपूर्ण बयानों काे दर्ज करने के साथ उसकी वीडियो रिकाडिंग भी की है। यही नहीं उन्होंने कुछ गवाहों के बयान भी दर्ज किए हैं, जिन्होंने पारा द्वारा भेजे गये रूपयों को कथित तौर पर दविंदर सिंह को देते हुए देखा है।
पारा के वकील टीएन रैना ने एनआइए के इन दावों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। आपको यह बता दें कि इस महीने की शुरुआत में एनआइए कोर्ट जम्मू में पारा के वकील द्वारा दायर जमानत अर्जी में, पारा ने हिजबुल लिंक के सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि उनका राजनीतिक पार्टी के साथ संबंध होने की वजह से जानबूझकर फंसाया जा रहा है।
CIK का वाहीद पारा के घर व अन्य ठिकानों पर छापा: काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) की टीमों ने दक्षिण कश्मीर के जिला पुलवामा में स्थित वाहीद उर रहमान पारा के घर व अन्य ठिकानों पर छापा मारा है। आज बुधवार सुबह टीम में शामिल अधिकारी जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ के जवान शामिल हैं। पीडीपी युवा विंग के प्रधान वाहीद उर रहमान पारा के घर पहुंची टीम बैंक लेनदेन, हवाला धन और क्रास एलओसी व्यापार कनेक्शन से संबंधित दस्तावेजों की तलाश कर रही है। सीआइके टीम में शामिल अधिकारी ने बताया कि जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी इस संबंध में स्पष्ट जानकारी दी जाएगी।