Move to Jagran APP

Jammu Kashmir : परिसीमन प्रक्रिया से दूर रहेगी पीडीपी, पार्टी ने कहा- उनके पास नहीं कोई निर्वाचित प्रतिनिधि

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने स्पष्ट किया कि वह जम्मू-कश्मीर के परिसीमन प्रक्रिया से अलग रहेगी। क्योंकि पार्टी के पास इस समय कोई निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं है। जिस पार्टी के पास कोई सांसद या अन्य चुने हुए प्रतिनिधि न हो वह पार्टी परिसीमन प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकती।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 05:12 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 05:12 PM (IST)
Jammu Kashmir : परिसीमन प्रक्रिया से दूर रहेगी पीडीपी, पार्टी ने कहा- उनके पास नहीं कोई निर्वाचित प्रतिनिधि
पीडीपी नेताओं ने शुक्रवार को श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पीडीपी परिसीमन प्रक्रिया से अलग रहेगी।

श्रीनगर, जेएनएन : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने स्पष्ट किया कि वह जम्मू-कश्मीर के परिसीमन प्रक्रिया से अलग रहेगी। क्योंकि पार्टी के पास इस समय कोई निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं है। जिस पार्टी के पास कोई सांसद या अन्य चुने हुए प्रतिनिधि न हो, वह पार्टी परिसीमन प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकती। शुक्रवार को श्रीनगर में पीडीपी के प्रवक्ता सुहैल बुखारी, अतिरिक्त प्रवक्ता नजमु साकिब और डा. हरबख्श सिंह शुंटी पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान पार्टी के नेताओं ने श्रीनगर कंटोनमेंट जोन के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले निवासियों से संपत्ति कर वसूलने के निर्णय संबंधी सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई।

loksabha election banner

परिसीमन प्रक्रिया में गुपकार एलायंस की भागीदारी के मामले पर पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता सुहैल बुखारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की पार्टियां अपने स्तर पर यह फैसला करेगी। जहां तक ​​पीडीपी का सवाल है तो हमारे पास वर्तमान में कोई सांसद और विधायक नहीं है, इसलिए हम इस प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते हैं। निर्वाचित प्रतिनिधियों को इसमें शामिल होकर उचित-अनुचित का विचार-करना चाहिए। श्रीनगर कंटोनमेंट बोर्ड के दायरे में रहने वाले लोगों से संपत्ति कर वसूलने के फैसले पर पीडीपी नेता ने कहा कि 2019 से पीड़ित लोगों की मदद करने के बजाय सरकार लोगों को अतिरिक्त बोझ और तनाव थोप रही है। संपत्ति कर वसूलने के फैसले को रद्द करना चाहिए।

कश्मीर में एम्स पर आपत्ति को लेकर पीडीपी प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी के संस्थापक मुफ्ती मुहम्मद सईद की कड़ी मेहनत के बाद एम्स की पहल शुरू हुई। कोरोना महामारी के दौर में जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को और बढ़ाने की जरूरत है। ऐसे में एम्स पर आपत्ति बेतुकी बात है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस समय सोशल मीडिया पर कुछ दस्तावेज प्रसारित किए जा रहे हैं, जिससे लोगों में दहशत है। हालांकि कुछ लोग इसे केवल अफवाह बता रहे हैं, लेकिन सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों की चिंताओं को दूर करे।

पार्टी के नेताओं ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि केंद्र सरकार के 05 अगस्त, 2019 के फैसले के बाद सरकार और जनता के बीच भरोसे में कमी आई है। लेकिन संकटग्रस्त लोगों के मन को शांत करने के लिए सरकार को आगे आने की जरूरत है। उन्होंने बारामूला जिले के नूरबाग इलाके में लगी भीषण आग से प्रभावित परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की और जिला प्रशासन से उन्हें मुआवजा प्रदान करने की अपील की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.