J&K: प्रो-कश्मीर एजेंडे पर आगे बढ़ेगी पीडीपी, कांग्रेस भी बनाएगी स्ट्रेटजी ग्रुप
संगठन छोड़ने वाले कई पुराने नेताओं को मनाकर पार्टी का हिस्सा बनाने व राज्य के विभिन्न हिस्सों में पार्टी कार्यकर्ताओं को पूरी तरह सक्रिय करने की कार्ययोजना भी बनाई गई।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। रियासत की सियासत में औंधे मुंह गिरी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने खुद को फिर से खड़ा करने की कोशिश में एक बार फिर तथाकथित प्रो-कश्मीर एजेंडे को लेकर लोगों के बीच जाने का फैसला किया है। सिर्फ यही नहीं, पीडीपी ने इस एजेंडे की कामयाबी के लिए सभी क्षेत्रीय दलों से मिलकर काम करने की अपील करते हुए कहा कि कश्मीर दुश्मन ताकतों को नाकाम बनाना जरूरी है।
संसदीय चुनावों में पीडीपी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही है। तीन संसदीय क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले 46 विधानसभा क्षेत्रों में मात्र तीन में ही पीडीपी आगे रही है। खुद पीडीपी अध्यक्ष महबूब मुफ्ती अपनी अनंतनाग-पुलवामा सीट बचाने में नाकाम रही हैं। पीडीपी की राजनीतिक सलाहकार समिति की मंगलवार को पार्टी संरक्षक पूर्व सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग की अध्यक्षता में बैठक हुई। महबूबा के निवास पर हुई बैठक में संसदीय चुनावों में मिली करारी हार के कारणों पर मंथन के साथ ही विधानसभा चुनावों की रणनीति पर विचार विमर्श किया गया। संगठन छोड़ने वाले कई पुराने नेताओं को मनाकर पार्टी का हिस्सा बनाने व राज्य के विभिन्न हिस्सों में पार्टी कार्यकर्ताओं को पूरी तरह सक्रिय करने की कार्ययोजना भी बनाई गई।
बैठक के बाद पीडीपी प्रवक्ता रफी मीर ने कहा कि पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और पार्टी संरक्षक मुजफ्फर हुसैन बेग ने सभी साथियों संग हार के कारणों पर विचार विमर्श किया। भाजपा के साथ गठजोड़ से हुए नुकसान, चुनाव प्रचार के दौरान विभिन्न नेताओं की भूमिका और चुनाव के बाद आतंकियों द्वारा पीडीपी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाए जाने संबंधी विभिन्न मामलों पर सभी ने अपना पक्ष रखा। रफी अहमद मीर ने कहा कि महबूबा और बेग ने राजनीतिक सलाहकार समिति के साथ चर्चा के बाद तय किया कि पार्टी की तरफ से भी क्षेत्रीय दलों से प्रो-कश्मीर एजेंडे को आगे बढ़ाने व कश्मीर दुश्मन ताकतों को नाकाम बनाने के लिए मिलकर काम करने की अपील की जाए। हमने देखा है कि दूसरे इलाकों से कुछ ताकतें कश्मीर में सक्रिय हैं, जो कश्मीरियों के वोट बांटकर कमजोर बना रही हैं।
स्ट्रेटजी ग्रुप बनाएगी कांग्रेस, संगठनात्मक बदलाव की संभावना
संसदीय चुनाव की कमियों को दूर कर विधानसभा में मजबूत होने के लिए प्रदेश कांग्रेस राज्य में संगठनात्मक बदलाव लाएगी। पार्टी आगे की रणनीति तय करने के लिए जल्द स्ट्रेटजी ग्रुप बनाएगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर ने संसदीय चुनाव में हार के कारणों के बारे में जानकारी लेने के लिए पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलना शुरू कर दिया है। पार्टी को राज्य की छह संसदीय सीटों में से एक भी सीट नहीं मिली है। ऐसे में राज्य के तीनों संभागों में करीब दस दिन बाद मंथन शुरू कर दिया जाएगा। स्ट्रेटजी ग्रुप विधानसभा चुनाव की रणनीति और चुनावी मुद्दे तय करेगा। इस ग्रुप में राज्य के तीनों संभागों के नेताओं को शामिल किया जाएगा। मीर ने मंगलवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ गोपनीय बैठक कर हार के कारणों पर चर्चा करने के साथ ही भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों पर भी विचार किया। अब विधानसभा चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाएगा। बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मदन लाल शर्मा, रमण भल्ला, मूला राम, रविन्द्र शर्मा आदि मौजूद थे।
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