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Kashmir: पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती की हिरासत 3 महीने और बढ़ी

जिला मजिस्ट्रेट श्रीनगर द्वारा जारी आदेश के अनुसार महबूबा मुफ्ती की हिरासत को पीएसए के तहत जीन माह के लिए और बढ़ाया गया है। उनकी हिरासत 5 अगस्त को खत्म हो रही थी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 04:29 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 05:36 PM (IST)
Kashmir: पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती की हिरासत 3 महीने और बढ़ी
Kashmir: पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती की हिरासत 3 महीने और बढ़ी

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जन सुरक्षा अधिनियम पीएसए के तहत अपने ही सरकारी निवास में कैद पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमाेक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती की ईद-उल-जुहा के मुबारक माैके पर रिहाई नहीं होगी। प्रदेश प्रशासन ने शुक्रवार को उन पर लागू पीएसए को अगले तीन माह के लिए बढ़ा दिया है। इसके मुताबिक, अब अक्टूबर में ही उनकी रिहाई होगी, बशर्ते अदालत या प्रदेश प्रशासन उनकी रिहाई का पहले कोई फैसला न ले।

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पीपुल्स डेमाेक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को बीते साल पांच अगस्त काे प्रदेश प्रशासन जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू किए जाने से पूर्व एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया था। प्रदेश प्रशासन ने नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस, अवामी इत्तेहाद पार्टी, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट, माकपा समेत गैर भाजपा सभी दलों के सभी प्रमुख नेताओं व कार्यकर्ताओं को, जिनकी संख्या लगभग एक हजार के करीब थी, एहतियातन हिरासत में लिया था। परिस्थितियों में सुधार के आधार पर क्रमानुसार इन नेताओं को रिहा भी किया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत करीब एक दर्जन नेताओं को इसी साल फरवरी में पीएसए के तहत नजरबंद किया गया। इन सभी नेताओं को मार्च में रिहा करने की प्रक्रिया शुरु हुई। सिर्फ महबूबा ही पीएसए के तहत कैद रह गई थी। उम्मीद जतायी जा रही थी कि उन्हें ईद के माैके पर या फिर पांच अगस्त 2020 से पहले रिहा कर दिया जाएगा।

अलबत्ता, आज प्रदेश गृह विभाग के प्रमुख सचिव शालीन काबरा ने एक आदेश जारी कर साफ कर दिया कि पूर्व मुख्यमंत्री पर पीएसए को अगले तीन माह के लिए बढ़ा दिया गया है। इससे पूर्व महबूबा मुफ्ती पर पीएसए का मई के पहले सप्ताह में तीन माह के लिए विस्तार दिया गया था। गृह विभाग ने अपने आदेश में कहा कि कानून लागू करने वाली संस्थाआें की सिफारिश के आधार पर ही महबूबा मुफ्ती को तीन माह के लिए और पीएसए के तहत बंदी बनाकर रखे जान का फैसला लिया गया है। अगर परिस्थितियां अनुकूल होती हैं तो तीन माह से पहले भी इस आदेश की समीक्षा कर यथोचित फैसला लिया जा सकता है।


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