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Kashmir: नईम अख्तर नजरबंदी से रिहा, कहा-इस दयालुता के लिए सरकार का शुक्रिया

पूर्व मंत्री नईम अख्तर ने अपने ट्वीटर हैंडल पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा कि उन्हें आज सूचित किया गया है कि वह अब कहीं भी आने-जाने के लिए स्वतंत्र हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 12:31 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 12:44 PM (IST)
Kashmir: नईम अख्तर नजरबंदी से रिहा, कहा-इस दयालुता के लिए सरकार का शुक्रिया
Kashmir: नईम अख्तर नजरबंदी से रिहा, कहा-इस दयालुता के लिए सरकार का शुक्रिया

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पीपुल्स डेमाेक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री नईम अख्तर की नजरबंदी को हटा दिया गया है। खुद नईम अख्तर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि 407 दिनों तक बंदी बने रहने के बाद आज मैं कहीं भी आने जाने के लिए स्वतंत्र हूं।

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पूर्व शिक्षा मंत्री नईम अख्तर को भी पांच अगस्त 2019 की सुबह जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया था। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू करने केे मद्देनजर प्रशासन ने गैर भाजपा मुख्यधारा के सभी राजनीतिक दलाें के वरिष्ठ नेताओं व कार्यकर्ताओं काे हिरासत में लिया था। इनमें डाॅ फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं। हालात में सुधार को देखते हुए इन सभी नेताओं को क्रमानुसार रिहा किया गया। महबूबा मुफ्ती ही इस समय पीएसए के तहत बंद हैं। नईम अख्तर को भी इसी साल फरवरी माह के दौरान पीएसए के तहत बंदी बना गया था। अप्रैल में उनके पीएसए काे तीन माह के लिए विस्तार दिया गया और 18 जून को उन्हें रिहा कर दिया गया।

पीएसए से मुक्त किए जाने के बाद नईम अख्तर जब अपने घर पहुंचे तो प्रशासन ने कथित तौर पर उन्हें नजरबंद कर लिया। हालांकि अधिकारिक तौर पर उनकी नजरबंदी से इंकार किया जाता रहा है। इस बीच, नईम अख्तर ने जब कभी अपने घर से बाहर निकलने का प्रयास किया, उन्हें हमेशा पुलिसकर्मियों ने रोका। उन्हें बाहर नहीं आने दिया। प्रशासन ने उन्हें बतौर शिक्षामंत्री व विधायक के तौर पर आवंटित सरकारी मकान भी जून 2020 में खाली करने का नोटिस दिया था।

अपने घर में नजरबंदी झेल रहे नईम अख्तर ने दैेनिक जागरण के साथ फोन पर बातचीत में कहा कि एक तरफ दावा किया जाता रहा है कि हम लोग आजाद हैं, हम पर काेई पाबंदी नहीं है, लेकिन जब हम बाहर निकलने का प्रयास करते, हमें रोक लिया जाता। फिर कहा जाता है कि हम संरक्षित लाेग हैं, सुरक्षा का सवाल है। इसलिए बाहर नहीं जा सकते। उन्होंने प्रदेश प्रशासन व केंद्र सरकार की तरफ संकेत करते हुए कहा कि हमारी ही जमीन पर गहरे घाव देने और जुल्म करने वाले शासकों इन छोटी छोटी मेहरबानियों के लिए शुक्रिया। पूर्व शिक्षामंत्री ने कहा कि अब मैं जल्द ही अपने समर्थकों और पार्टी सहयोगियों से मुलाकात करूंगा। जम्मू-कश्मीर से जो छीना गया है, उसे वापस पाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।


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