पीडीडी प्रमुख महबूबा से मिलेंगे पार्टी नेता, कहा- पार्टी की रणनीति तय करने के लिए मिलना जरूरी
पीडीपी सचिव अब्दुल हमीद कोशीन ने कहा कि पांच अगस्त के बाद से यहां हालात तेजी से बदल रहे हैं। हमारी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती से हमारा कोई संपर्क नहीं है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने लगातार बदलते राजनीतिक परिदृश्य में अपनी अगली रणनीति तय करने के लिए पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से मिलने का फैसला किया है। इसके लिए पीडीपी नेताओं ने जिला प्रशासन श्रीनगर से मुलाकात की अनुमति का आग्रह भी किया है। बीते साढ़े चार माह के दौरान यह दूसरा मौका है, जब पीडीपी नेताओं ने अपनी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती से मुलाकात के लिए प्रशासन से संपर्क किया है।
अलबता इस बार मुलाकात की अर्जी पीडीपी के जम्मू प्रांतीय इकाई के नेताओं के बजाय कश्मीर प्रांत के पीडीपी नेताओं ने दी है। जम्मू प्रांत के नेताओं ने गत अक्तूबर में महबूबा मुफ्ती से मिलने का प्रयास किया था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए बनाए गए दल में सहमति के अभाव और खुद महबूबा मुफ्ती द्वारा मुलाकात से इंकार किए जाने के बाद यह भेंट नहीं हो पायी थी।
गौरतलब है कि पीडीपी अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को लागू करने से पूर्व चार अगस्त 2019 की मध्यरात्रि को एहतियातन हिरासत में ले लिया था। उन्हें लालचौक से करीब एक किलोमीटर दूर ट्रांस्पोर्ट लेन में स्थित एक सरकारी कोठी में रखा गया है।
कश्मीर में तेजी से बदल रहे हालात
पीडीपी सचिव अब्दुल हमीद कोशीन ने कहा कि पांच अगस्त के बाद से यहां हालात तेजी से बदल रहे हैं। हमारी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती से हमारा कोई संपर्क नहीं है। यहां आम कार्यकर्त्ता और लोग उनको लेकर बहुत चिंतित हैं। बदल रही सियासी हालात के मद्देनजर कई नीतिगत मामलों पर आगे बढ़ने के लिए हमें उनके मार्गदर्शन व सलाह की जरुरत है। इसलिए हम उनसे मुलाकात करना चाहते हैं। हमने उनसे मुलाकात के लिए जिला प्रशासन श्रीनगर से भी आग्रह किया है। इसके अलावा हमने एक लिखित आग्रह श्रीनगर जिला उपायुक्त से किया है, लेकिन अभी तक इस पर कोई जवाब नहीं मिला है। इसलिए हमें यह कहने में कोई परेशानी नहीं है कि प्रशासन जानबूझकर हमें हमारी नेता से मिलने से रोक रहा है। प्रशासन नहीं चाहता कि यहां किसी तरह की राजनीतिक गतिविधियां शुरु हों। वहीं इस संदर्भ में जब श्रीनगर के जिला उपायुक्त डाॅ शाहिद इकबाल से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो वह फोन पर उपलब्ध नहीं हो पाए।