पीडीडी कैजुअल कर्मियों ने कहा दो वक्त की रोटी जुटाना भी हुआ मुश्किल
कश्मीर में कार्यरत 7500 कर्मियों को वर्ष 2012 में डेलीवेजर के तौर पर नियुक्त पर नियमित वेतन दिया जा रहा है परंतु जम्मू में कार्यरत 3405 कर्मी अपने हक के लिए दरबदर हो रहे हैं।
जम्मू, जेएनएन। बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे कैजुअल कर्मियों ने मंगलवार को हाथों में खाली बर्तन लेकर प्रदर्शन किया। सात सालों का बकाया वेतन जारी करने की मांग कर रहे इन कर्मियों ने कहा कि बिना वेतन उनके लिए परिजनों के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया है। इस पर जब वे अधिकारियों के समक्ष अपनी परेशानियों को उजागर करते हैं तो उन्हें धीरज रखने को कहा जाता है। कर्मियों ने कहा कि जिन कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी होगी, वे बिना वेतन शांत कैसे रह सकते हैं।
बकाया वेतन जारी करने, नियमित वेतन देने की व्यवस्था करने व एसआरओ-381 को लागू करने की मांग को लेकर इन कर्मियों को आंदोलन के मार्ग पर उतरे 28 दिन हो गए हैं। यही नहीं पिछले एक सप्ताह से ये कर्मी चीफ इंजीनियर कार्यालय के बाहर दिन-रात धरने पर बैठे हुए हैं। अभी तक इन कर्मियों को कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला है। चीफ इंजीनियर से लेकर प्रशासनिक अधिकारी केवल आश्वासन देकर प्रदर्शन समाप्त कर काम पर लौटने की बात कह रहे हैं। पीडीडी नीड बेसड कैजुअल लेबर्स यूनियन के प्रधान अखिल शर्मा ने कहा कि कर्मी उनकी मांगों का हल चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में कार्यरत 7500 कर्मियों को वर्ष 2012 में डेलीवेजर के तौर पर नियुक्त पर नियमित वेतन दिया जा रहा है परंतु जम्मू में कार्यरत 3405 कर्मी अपने हक के लिए दरबदर हो रहे हैं।
महंगाई के इस दौर में आर्थिक तंगी से जूझ रहे इन कर्मियों के लिए परिवार का पालन-पोषण कर पाना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में यदि सरकार भी उनकी सुनवाई नहीं करेगी तो उनके पास सड़कों पर उतरने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं रह जाएगा। उन्होंने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मामले में हस्तक्षेप कर उनकी समस्याओं को दूर करने की अपील की। धरने पर बैठे कर्मियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी उनका आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा।