हड़ताल का दिखने लगा असर
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जागरण संवाददाता, जम्मू : निजीकरण के खिलाफ एकजुट हुए बिजली कर्मचारियों ने सरकार को स्पष्ट संदेश दिया है कि अगर उनकी सुनवाई न हुई तो वे उग्र आंदोलन किया जाएगा। कर्मचारियों ने कहा कि किसी भी अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर वे उग्र आंदोलन के रास्ते पर निकल पड़ते हैं तो इससे विभागीय कामकाज तो प्रभावित होगा ही जम्मू व श्रीनगर में बिजली सप्लाई व्यवस्था पर भी असर पड़ेगा।
अपनी आवाज राज्य प्रशासन तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को सैकड़ों कर्मचारी पावर इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स कोऑर्डिनेशन कमेटी (पीईईसीसी) के बैनर तले डेवलपमेंट कमिश्नर पावर (डीसीपी) के जानीपुर स्थित कार्यालय के बाहर एकत्र हुए। पिछले दो दिन से लगातार जारी काम छोड़ हड़ताल का असर कामकाज पर दिखने लगा है। इन दो दिनों में न तो विभाग में अपनी समस्याओं को लेकर आ रहे उपभोक्ताओं की सुनवाई हो रही है और न ही बिजली रीडिग ली जा रही हैं। बिजली कर्मचारियों की यह हड़ताल 14 अक्टूबर तक जारी रहेगी। हालांकि कमेटी के सदस्यों ने संकेत भी दिए हैं कि यदि इस दौरान उनकी मांगों का हल नहीं निकाला जाता है तो हड़ताल की अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। स्पष्ट करें कर्मचारियों की सुरक्षा
प्रदर्शन में शामिल कर्मचारी नेता संजीव बाली ने बताया कि प्रशासन से उन्हें बातचीत का न्यौता मिल रहा है परंतु वह अलग-अलग यूनियन नेताओं को आमंत्रित कर रहे हैं। ये हड़ताल संयुक्त मंच पीईईसीसी के बैनर तले की जा रही है और बातचीत का न्योता भी उन्हें ही मिलना चाहिए। कोई भी यूनियन नेता अलग से बातचीत को नहीं जाएगा। वहीं, एजाज काजमी ने बताया कि सरकार बिजली विभाग को तीन कंपनियों में बांटने जा रही है। वह इस फैसले के खिलाफ नहीं हैं परंतु वे चाहते हैं कि कम से कम सरकार यह स्पष्ट तो करे कि निजीकरण के बाद विभाग में काम कर रहे कर्मचारियों की जिम्मेदारी क्या होगी। उनका भविष्य क्या होगा।
बीस साल से स्थायी नियुक्ति का इंतजार कर रहे डेलीवेजर, कैजुअल कर्मी के बारे में उन्होंने क्या सोच रखा है। फील्ड स्टाफ से लेकर इंजीनियर्स तक को पता नहीं है कि कंपनी बनने के बाद विभाग में उनका क्या काम रह जाएगा। उन्हें अंधेरे में रखा जा रहा है, यह मंजूर नहीं है। सरकार सबसे पहले उनके साथ बैठकर इस स्थिति को स्पष्ट करे। पीईईसीसी के नेताओं ने घोषणा की कि शनिवार को सभी कर्मचारी कामकाज छोड़ अपनी-अपनी डिवीजनों के बाहर ही धरना-प्रदर्शन करेंगे। जबकि आंदोलन को लेकर अगली रणनीति की घोषणा सोमवार को की जाएगी।