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हड़ताली बिजली कर्मचारियों ने कहा आज से बिजली सप्लाई ठप हुई तो खुद ठीक करें अधिकारी

उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह कर्मचारियों पर कोई कानून थोपना उन्हें मंजूर नहीं है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 05:53 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 05:53 PM (IST)
हड़ताली बिजली कर्मचारियों ने कहा आज से बिजली सप्लाई ठप हुई तो खुद ठीक करें अधिकारी
हड़ताली बिजली कर्मचारियों ने कहा आज से बिजली सप्लाई ठप हुई तो खुद ठीक करें अधिकारी

जम्मू, जेएनएन। बिजली विभाग के कर्मचारियों ने सरकार के उदासीन रवैये के खिलाफ अपना रख और कड़ा कर लिया है। करीब एक सप्ताह से काम छोड़ हड़ताल पर गए कर्मचारियों ने एलान किया कि कल से बिजली ढांचे में कोई भी फाल्ट आया तो अधिकारी उसे स्वयं ही ठीक करें। मंगलवार से कोई भी हड़ताली कर्मचारी उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान नहीं करेगा। यह फैसला आल जेएंडके इलेक्ट्रिकल इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों की बुलाई गई बैठक में लिया गया। काम छोड़ हड़ताल के अंतिम दिन कमेटी के सदस्यों की बुलाई गई बैठक में आंदोलन को और 72 घंटों के लिए बढ़ाने का एलान किया।

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बैठक में फील्ड स्टाफ से लेकर इंजीनियर वर्ग के प्रतिनिधि शामिल थे। उनका कहना था कि वह सरकार से ऐसी कोई मांग नहीं कर रहे हैं, जिसे पूरा करने में उन्हें परेशानी हो रही है। कमेटी के चेयरमैन जयपाल शर्मा ने कहा कि वह निजीकरण का विरोध नहीं कर रहे हैं। वे सिर्फ यह चाहते हैं कि सरकार केवल उन्हें यह जानकारी दे कि बिजली विभाग को कंपनी में तबदील करने के बाद उसमें काम कर रहे कर्मचारियों की कार्यप्रणाली क्या रहेगी। उन्हें क्या जिम्मेदारियां दी जाएगी और उनका कामकाज का क्या तरीका रहेगा। उन्होंने कहा कि बिजली कभी भी घाटे का सबब नहीं रहा है। सरकार द्वारा हर साल उन्हें दिया जाने वाला लक्ष्य कर्मचारी जीतोड़ मेहनत से पूरा करते हैं। सरकारी अनदेखी, राजनीतिक स्वार्थ और दिशाहीन नीतियों के कारण कर्मचारियों को इन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं कमेटी के कनवीनर सचिन टिक्कू ने कहा कि सरकार इस संबंध में श्वेत पत्र जारी करे या फिर कमेटी सदस्यों से बातचीत कर उनकी समस्याओं का निपटारा करें। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह कर्मचारियों पर कोई कानून थोपना, उन्हें मंजूर नहीं है। बिजली विभाग का हरेक कर्मचारी इस फैसले के खिलाफ है और अपना हक पाने के लिए उन्हें जहां तक जाना पड़ेगा वे जाएंगे।

बैठक में अनिल सलाथिया, तरुण गुप्ता, एजाज काजमी, संजीव बाली सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। कमेटी सदस्यों ने घोषणा की कि 15 और 16 अक्टूबर को फील्ड स्टाफ, क्लर्क, ड्राफ्ट्समैन से लेकर डिग्री होल्डर इंजीनियर कामकाज न कर अपने-अपने कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करेंगे जबकि हड़ताल के अंतिम दिन 17 अक्टूबर को सभी कर्मचारी पनामा चौक स्थित सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर कार्यालय के बाहर एकत्र होंगे और फिर वहां से डिवीजनल कमिश्नर जम्मू के कार्यालय तक विरोध मार्च भी निकाला जाएगा। इस दौरान कमेटी के सदस्य डिवीजनल कमिश्नर संजीव वर्मा को मांगों का ज्ञापन भी सौपेंगे ताकि उनकी आवाज सरकार तक पहुंचे। चेयरमैन जयपाल शर्मा ने कहा कि वहीं सदस्य अगली रणनीति की घोषणा भी करेंगे।


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