24 को चीफ इंजीनियर का घेराव करेंगे बिजली कर्मी
जागरण संवाददाता, जम्मू : बिजली विभाग के निजीकरण का विरोध कर रहे कर्मचारियों ने 24 सित
जागरण संवाददाता, जम्मू : बिजली विभाग के निजीकरण का विरोध कर रहे कर्मचारियों ने 24 सितंबर को चीफ इंजीनियर कार्यालय का घेराव करने की घोषणा की है। यही नहीं अपना हक पाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार ये कर्मचारियों एक बार फिर पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट कोऑर्डिनेशन कमेटी के बैनर तले एकजुट हुए हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को अंधेरे में रखते हुये सरकार ने पीडीडी को ट्रेडको में बदलने का निर्णय लेते हुए 11 सितंबर को एसआरओ-396 जारी कर दिया। यह सही नहीं है।
सरकार के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये के खिलाफ पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट कोऑर्डिनेशन कमेटी के बैनर तले ग्लैडनी ग्रिड स्टेशन में एकत्र हुए विभिन्न कर्मचारी संगठन जिनमें जेकेईईजीए के प्रधान हरविन्द्र ¨सह, डीईए के प्रधान जयपाल शर्मा, फोरम आफ इंजीनियर के कनवीनर इंजीनियर सचिन टिक्कू, पीपीईयू के प्रधान संजीव बाली, महासचिव एजाज काजमी, आइटीआइ इंप्लाइज यूनियन के प्रधान जसबीर ¨सह, पीईईयू के प्रधान पीसी शर्मा, लाइनमैन यूनियन के अनिल सलाथिया, पीडीडी इंप्लाइज डेलीवेजर्स के तरुण गुप्ता, नीड बेस्ड यूनियन के कुलबीर ¨सह, जेएंडके टेक्निकल इंप्लाइज फेडरेशन यूनियन, पीडीडीईयू के चरणजीत शर्मा, नान गजटेड इंप्लाइज यूनियन के प्रधान गुरमीत ¨सह सहित अन्य बैठक में मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को विश्वास में लिए बिना सरकार का एकाएक आदेश जारी करना उनके साथ धोखा है। विभाग में वैसे ही अव्यवस्था का आलम है। हजारों पद रिक्त हैं। व्यवस्था बनाए बिना विभाग के निजीकरण का फैसला उन्हें मंजूर नहीं है। कर्मचारियों ने कहा कि एसआरओ में कर्मचारियों से संबंधित कोई भी जानकारी नहीं दी गई है। कारपोरेशन बनने के बाद कर्मचारियों के हितों का कैसे ख्याल रखा जाएगा, पदोन्नति व वेतन वृद्धि की क्या रूपरेखा होगी। इस बारे में भी कुछ नहीं बताया गया है।
कर्मचारियों ने सबसे बड़ा एतराज इस बात पर जताया कि विभाग में काम कर रहे डेलीवेजर व अस्थायी कर्मियों की स्थायी नियुक्ति के मामले कैसे सुलझाए जाएंगे। इसकी भी कोई जानकारी नहीं दी गई है। इन मुख्य मांगों को हल किये बिना सरकार पीडीडी का निजीकरण कैसे कर सकती है। यूनियन नेताओं ने निर्णय लिया कि अपनी मांगे सरकार के कानों तक पहुंचाने के लिए वे 24 सितंबर वे सभी चीफ इंजीनियर कार्यालय का घेराव करेंगे। इस दौरान उन्हें मांगों का ज्ञापन भी दिया जाएगा। सरकार ने यदि कर्मचारियों से संबंधित कार्ययोजना की जानकारी नहीं दी तो आंदोलन तेज किया जाएगा।