Tribute to Pulwama Attack: जम्मूवासियों ने दी पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि, भाजपा कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान का झंडा जलाया
देश के लिए बलिदान देने वाले पुलवामा के शहीदों को जम्मू कश्मीर में जगह-जगह श्रद्धंजलि दी गई। पाकिस्तान के झंडे भी जलाए गए। शहर के मुख्य स्थलों पर तिरंगा लहरा कर और बलिदान स्तंभ पर शीश झुका कर देश के दुश्मनों के मंसूबों को नाकामया बनाने का प्रण लिया गया।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : Pulwama Terror Attack : देश के लिए बलिदान देने वाले पुलवामा के शहीदों को जम्मू कश्मीर में जगह-जगह श्रद्धंजलि दी गई। पाकिस्तान के झंडे भी जलाए गए। शहर के मुख्य स्थलों पर तिरंगा लहरा कर और बलिदान स्तंभ पर शीश झुका कर देश के दुश्मनों के मंसूबों को नाकामया बनाने का प्रण लिया गया। जम्मू में सामजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने कार्यक्रम कर यह नारा बुलंद किया- देश के शहीदों का सम्मान, नहीं भूलेगा हिंदोस्तान।
गम और गुस्से के माहौल के बीच रविवार को जम्मू में प्रदेश भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा ने शहर में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन कर उसका झंडा जलाया। वहीं भाजपा की कश्मीर इकाई ने पुलवामा के लैथपोरा में उस जगह शहीदों को श्रद्धांजलि देने की तैयारी की थी यहां पर वर्ष 2019 में सीआरपीएफ की बस पर हमला हुआ था। इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवान शहीद हो गए थे। रविवार को पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर भाजपा कार्यकर्ताओं को यह कार्यक्रम करने की इजाजत नही दी।
वहीं जम्मू में नारेबाजी कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलवामा के बलिदानियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पाकिस्तान व उसकी शह पर काम कर रहे देशविरोधी तत्वों को कभी बख्शा नही जाएगा। पुलवामा की दूसरी बरसी पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने जम्मू के बलिदान स्तंभ पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश उन बलदानियों का कृतज्ञ है जो दो साल पहले आतंकवादियों से लोहा लेते शहीद हो गए थे। रैना ने कहा कि शहीदों की कुर्बानियां व्यर्थ नही जाएंगी। पाकिस्तान को हमारे जवानों की हर शहादत का हिसाब देना होगा।
इससे पहले केरिपुब की 76 बटालियन ने जम्मू में कार्यक्रम का आयोजन कर अपने शहीदों को श्रद्धंजलि दी थी। इस दौरान बलिदानी हैड कांस्टेबल की पत्नी शाजिया कौसर को सम्मानित किया गया था। ठीक दो साल पहले आज के दिन पुलवामा में आतंकवादियों ने 76 बटालियन की बस को लैथपोरा में निशाना बनाया था। उस काले दिन को याद कर सबकी आंखों में आंसू थे। इम हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मियों ने शहादत पाई थी।