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Jammu : अंगदान करके मरीजों को दी जा सकती है जिंदगी की नई उम्मीद

स्टेट आर्गन और टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन जम्मू-कश्मीर द्वारा रीजनल आर्गन और टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में तीन सौ से अधिक डाक्टरों व अन्य ने भाग लिया। डा. गुप्ता ने कहा कि भारत में हर दिन 400 से अधिक लोगों की मौत होती है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 07:30 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 07:30 PM (IST)
Jammu : अंगदान करके मरीजों को दी जा सकती है जिंदगी की नई उम्मीद
अंगदान के लिए सही समय पर ब्रेन डेथ के मामलों की सूचना मिलनी चाहिए।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : पीजीआइ चंडीगढ़ के डीन रिसर्च और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. एके गुप्ता का कहना है कि भारत में दान से मिलने वाले अंग और मरीजों को अंगों की जरूरतों में भारी अंतर है। इस अंतर को केवल मृतकों के अंग दान करके ही दूर किया जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता लाने की जरूरत है। वह राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में अंगदान पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

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स्टेट आर्गन और टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन जम्मू-कश्मीर द्वारा रीजनल आर्गन और टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में तीन सौ से अधिक डाक्टरों व अन्य ने भाग लिया। डा. गुप्ता ने कहा कि भारत में हर दिन 400 से अधिक लोगों की मौत होती है। हर 3.6 मिनट में सड़़क हादसे में किसी की माैत हो जाती है। उन्होंने कहा कि अगर सड़क हादसों में मरने वालों के अंगदान हो तोे बहुत से जरूरतमंद मरीजों की जिंदगी बचाई जा सकती है। लेकिन जागरूकता और सही जानकारी के अभाव में मरीजों को जितने अंगों की जरूरत है, वे नहीं मिल पाते हैं।

उन्होंने अंगदान से जुड़े कई कानूनी पहलुओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जरूरी ढांचागत सुविधाओं के अलावा प्रशिक्षण, आइसीयू, इमरजेंसी स्टाफ, अस्पतालों का ट्रांसप्लांटेशन केंद्रों के रूप में पंजीकरण जरूरी है। सही समय पर ब्रेन डेथ के मामलों की सूचना मिलनी चाहिए। लोगों को इस सबके बारे में जानकारी होनी चाहिए। इससे अंगदान की कमी को दूर किया जा सकता है।

जीएमसी जम्मू की प्रिंसिपल डा. शशि सूदन ने कहा कि इससे बड़ा दान कोई और नहीं है कि हम अपनी जिंदगी के बाद भी किसी की जिंदगी का कारण बन सकें। जरूरतमंद मरीजों को जिंदगी की नई उम्मीद दें। उन्होंने कहा कि भारत में पांच लाख मरीज अंग प्रत्यरोपण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस कमी को केवल जागरूकता से ही दूर किया जा सकता है। स्टेट आर्गन और टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन द्वारा उठाए गए कदमों पर नोडल अधिकारी डा. इलियास शर्मा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अभी अंगदान के लिए लोगों कोजागरूक करने की जरूरत है। सरकार ने कुछ सकारात्मक कदम उठाए हैं। सिविल सोसायटी, धार्मिक गुरूओं की भी जागरूकता के लिए मदद ली जाएगी।

रीजनल आर्गन और टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन की कंसल्टेंट सरयू डी मादरा ने कहा कि भारत अभी अंगदान के प्रति लोगों में विश्वास लाने में बहुत पीछे है। लगातार अभियान चलाकर लोगों में जागरूकता लाई जा सकती है। सोटाे के संयुक्त निदेशक प्रो. एसएल काचरू, ट्रांसप्लांट कोआर्डिनेटर डा. इरफान लोन, प्रशासनिक अधिकारी डा. अश्विनी खजूरिया, एसओडी मेडिसिन डा. विजय कुंडल, प्रो. सुभाष भरद्वाज, प्रो. राजीव गुप्ता, प्रो. राकेश बहल, डा. कैलश ठाकुर भी कार्यक्रम में मौजूद थे।


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