प्राइवेट स्कूलों की मनमर्जी पर विफरे अभिभावकों ने किया तवी पुल बंद, कहा-बढ़ी फीसें वापस न हुई तो होगा आंदाेलन
हद तो यह है कि हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है कि वर्ष 2014 के बाद बढ़ाई हुई फीस अभिभावकों को ब्याज सहित लौटाई जाए लेकिन कोई स्कूल हाई कोर्ट के आदेश को नहीं मान रहा।
जम्मू, जागरण संवाददाता। बार-बार प्रशासन के समक्ष प्राइवेट व सीबीएसई स्कूलों की मनमर्जी का मुद्दा उजागर कर चुके अभिभावकों का मंगलवार को गुस्सा फूट पड़ा। स्कूल प्रबंधन द्वारा बढ़ाई गई फीसों के खिलाफ संगठित हुए अभिभावक तवी पुल पर उतर आए और घंटों यातायात अवरूद्ध रख उनकी समस्याओं को हल करने की मांग उठाई। गुस्साए अभिभावकों ने प्रशासन को यह तक चेतावनी दे डाली कि अगर दस दिनों के भीतर प्राइवेट व सीबीएसई स्कूलों द्वारा बढ़ाई गई फीसें वापिस नहीं ली गई तो वे उग्र आंदोलन की शुरूआत करेंगे।
प्रदर्शन करने वालों का आरोप था कि प्राइवेट और सीबीएसई स्कूल लगातार फीसें बढ़ा रहे हैं। हर वर्ष रिएडमिशन के नाम पर हजारों रूपये वसूले जा रहे हैं। कई तरह के फंड्स वसूल कर शिक्षा का व्यवसायीकरण करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के बजाए प्रशासन मूकदर्शक बना तमाशा देख रहा है। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे थे कि राज्यपाल मामले में हस्तक्षेप करें और लोगों के साथ न्याय करें। अगर राज्यपाल शासन में भी प्राइवेट स्कूलों की मनमर्जी पर अंकुश न लगा तो जनता पर दबाव बढ़ता ही जाएगा।
विभिन्न सीबीएसई और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक डोगरा संगठन के बैनर तले सुबह दस बजे के करीब बिक्रम चौक में एकत्रित हुए। काफी देर वहां शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे। जब उनकी सुनने वाला कोई नहीं दिखा तो उन्होंने तवी पुल की ओर रुख किया और तवी पुल बंद पर यातायात अवरूद्ध कर दिया। इससे पुल पर वाहनों का लंबा जाम लग गया। घंटों यातायात प्रभावित हुआ। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों का समझाने का प्रयास किया। उन्हें इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी परंतु वे इस आश्वासन के साथ सफल हुए कि पुलिस प्रशासन उनकी आवाज राज्यपाल व संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाएगा।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे डोगरा संगठन के अध्यक्ष अमित कपूर ने कहा कि प्राइवेट स्कूल खासकर सीबीएसई स्कूल मनमर्जी की फीस बढ़ोतरी व अन्य तरह के फंड्स लागू कर उनकी जेबों पर बोझ बढ़ा रहे हैं। अभिभावक कई सालों से इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, पर उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। इस वर्ष भी स्कूलों ने बच्चों से रिएडमिशन के साथ-साथ कई तरह के फंड्स वसूले हैं।
हद तो यह है कि हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है कि वर्ष 2014 के बाद बढ़ाई हुई फीस अभिभावकों को ब्याज सहित लौटाई जाए लेकिन कोई स्कूल हाई कोर्ट के आदेश को नहीं मान रहा। कपूर ने कहा कि डीसी जम्मू के आदेश के बाद 28 मई को 2019 को एक कमेटी गठित की थी। जिसे जमीनी हकीकत की रिपोर्ट देनी थी। अभी तक टीम ने कोई रिपोर्ट नहीं दी है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर दस दिनों में कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं हुई तो उन्हें मजबूरन शिक्षा विभाग के खिलाफ आंदोलन करना पडे़गा। प्रदर्शनकारियों ने घंटों शिक्षा विभाग और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
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