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Jammu: आधार कार्ड बनाने के नाम पर अभिभावकों को लगवाए जा रहे चक्कर, मामले की जांच के आदेश

प्रशासन की ओर से यहां शिविर आयोजित किया गया है जिसमें स्कूल के स्टाफ को ही ड्यूटी पर लगाया गया है। मंगलवार को यहां गिने-चुने लोग ही अपने बच्चों के आधार कार्ड बनवाने पहुंचे लेकिन कर्मचारी उन्हें औपचारिकताएं पूरी करके अगले सप्ताह संपर्क करने का निर्देश देते नजर आए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 11:09 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 11:16 AM (IST)
Jammu: आधार कार्ड बनाने के नाम पर अभिभावकों को लगवाए जा रहे चक्कर, मामले की जांच के आदेश
अभिभावकों का कहना था कि अगर चक्कर ही काटने थे तो फिर शिविर लगाने का क्या औचित्य।

जम्मू, जागरण संवाददाता: पांच साल से छोटे बच्चों का आधार कार्ड बनाने के लिए प्रशासन की ओर से अलग-अलग जगह विशेष शिविर लगाए गए है ताकि लोगों को सरकारी कार्यालयों में भटकना न पड़े लेकिन इन शिविरों में भी अभिभावकों को चक्कर कटवाए जा रहे हैं। कर्मचारी यहां पर अपनी सरकारी बाबुओं वाली हरकतों से बाज नहीं आ रहे। ऐसा ही कुछ नजारा बख्शी नगर हायर सेकेंडरी स्कूल में लगे शिविर के दौरान भी देखने को मिला।

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प्रशासन की ओर से यहां शिविर आयोजित किया गया है। स्कूल के स्टाफ को ही ड्यूटी पर लगाया गया है। मंगलवार को यहां गिने-चुने लोग ही अपने बच्चों के आधार कार्ड बनवाने पहुंचे लेकिन कर्मचारी उन्हें औपचारिकताएं पूरी करके अगले सप्ताह संपर्क करने का निर्देश देते नजर आए। कर्मचारियों के इस रवैये से अभिभावक काफी आहत नजर आए। रिहाड़ी निवासी अशोक कुमार ने बताया कि वह अपने बच्चों के आधार कार्ड बनवाने गए थे। सभी आवश्यक दस्तावेज साथ ले गए थे ताकि मौके पर आधार कार्ड की औपचारिकताएं पूरी हो जाए लेकिन पहले तो वहां किसी कर्मचारी ने ढंग से बात नहीं की और जब उन्होंने बच्चों का नाम दर्ज करने का दबाव बनाया तो दस्तावेज लेकर अगले सप्ताह संपर्क करने का निर्देश दिया गया।

इसी तरह बख्शी नगर से पहुंचे रवि शर्मा के अनुसार जब उन्होंने स्कूल में तैनात स्टाफ से कहां कि यहां तो भीड़ भी नहीं है, आप औपचारिकताएं पूरी कर ले तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। इसकी शिकायत उन्होंने प्रिंसिपल से भी की लेकिन उन्होंने भी अपने कर्मचारियों का साथ दिया और बाद में संपर्क करने की सलाह दी। स्कूल में पहुंचे कई अन्य अभिभावकों का भी यहीं हाल था। ऐसे में अभिभावकों का कहना था कि अगर चक्कर ही काटने थे तो फिर शिविर लगाने का क्या औचित्य। वहीं जब इस बारे में स्कूल शिक्षा विभाग की निदेशक अनुराधा गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने इस पर हैरानगी प्रकट करते हुए कहा कि वह मामले की जांच करवाएगी और अगर ऐसा हुआ है तो संबंधित लोगों पर कार्रवाई भी अवश्य होगी।


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