पंचायतों को सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता : मुर्मू
प्रदेश की निर्णायक और विकासात्मक प्रक्रिया में आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए तीन स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था को प्रभावी होना अनिवार्य है। उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने बुधवार को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 का एक साल पूरा होने पर यह बात कही।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में भ्रष्टाचार मुक्त कर्मठ और उत्तरदायी प्रशासनिक व्यवस्था सुनिश्चित बनाने के लिए पंचायतों को पूरी तरह सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रदेश की निर्णायक और विकासात्मक प्रक्रिया में आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए तीन स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था को प्रभावी होना अनिवार्य है।
उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने बुधवार को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 का एक साल पूरा होने पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि बीते एक साल में जम्मू कश्मीर में आमजन को सशक्त बनाने और उसके कल्याण से जुड़े कई उपाय किए गए हैं। अब पंचायती राज व्यवस्था को प्रभावी रूप से लागू करना है। हम जल्द ही इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।
उपराज्यपाल ने कहा कि जिला, ब्लॉक प्रधान और ग्राम स्तर पर पंच, सरपंच पर आधारित तीन स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था एक नया राजनीतिक व प्रशासनिक ढाचा उपलब्ध कराने में पूरी तरह समर्थ है। यह जम्मू कश्मीर में शाति बहाल करते हुए विकास व सुशासन को सुनिश्चित बनाने वाला एक वैकल्पिक मॉडल है। यह लोगों में अपनेपन की भावना को मजबूत बनाने के साथ आमजन को उसके अपने क्षेत्र का भाग्यविधाता बनाती है। यह व्यवस्था प्रशासन और विकास में लोगों की भागेदारी बढ़ाने के साथ सरकार व जनता के बीच पुल का भी काम करती है। आतंकी हिंसा में मौत होने पर परिजनों के लिए 25 लाख का बीमा
उपराज्यपाल ने बताया कि ब्लॉक विकास परिषदों के चेयरमैन अपने क्षेत्र में विकास कार्यो की प्राथमिकता तय कर उन्हें अमलीजामा पहना सकें। इसलिए 25 लाख रुपये की ब्लॉक विकास निधि का गठन किया गया है। अगर आतंकी हिंसा में पंचायत या नगर निकायों के प्रतिनिधियों की मौत होती है तो उनके परिजनों के लिए 25 लाख रुपये का बीमा भी सुनिश्चित किया गया है। इससे निर्वाचित पंचायत व निकाय प्रतिनिधियों में सुरक्षा की भावना पैदा हुई है। ब्लॉक विकास परिषद चेयरमैन के लिए मानदेय व भत्ता 15 हजार किया गया
प्रदेश प्रशासन ने बीते साल 19 दिसंबर को प्रत्येक ब्लॉक विकास परिषद चेयरमैन के लिए मासिक मानदेय और भत्तों के तौर पर 15 हजार रुपये की राशि का एलान किया है। इसमें 13 हजार रुपये मासिक मानदेय है, डेढ़ हजार रुपये यात्रा भत्ता और पाच सौ रुपये टेलीफोन व मोबाइल फोन खर्च के हैं। सरपंचों का मानदेय भी अढ़ाई हजार रुपये से बढ़ाकर तीन हजार रुपये प्रतिमाह किया गया है। पाक के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए सेना तैयार : वाईके जोशी
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : सेना की उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने बुधवार को उपराज्यपाल जीसी मुर्मू से भेंट कर जम्मू कश्मीर के आतरिक व बाहरी सुरक्षा परिदृश्य से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए सेना पूरी तरह तैयार है।
राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि वाईके जोशी ने उपराज्यपाल को जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा की मौजूदा स्थिति और प्रदेश के भीतरी इलाकों में जारी आतंकरोधी अभियानों में सेना की भूमिका की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जब भी सरहद पर जंगबंदी का उल्लंघन होता है, भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब देती है। इसके अलावा घुसपैठ रोधी तंत्र की समीक्षा कर उसे और बेहतर बनाया जाता है। बीते कुछ दिनों में सरहद पार से घुसपैठ के प्रयासों में तेजी आई है, लेकिन सतर्क जवानों ने इन प्रयासों को नाकाम बनाया है।
उन्होंने उपराज्यपाल को वादी में स्थानीय युवकों की आतंकी संगठनों में भर्ती रोकने के लिए किए जा रहे उपायों की भी जानकारी दी। उपराज्यपाल ने जम्मू कश्मीर में सेना की विभिन्न मोर्चो पर उल्लेखनीय भूमिका को सराहा। उन्होंने सेना, पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच व्यापक समन्वय, सहयोग व संवाद को बनाए रखने पर जोर देते हुए कहा कि यह न सिर्फ आतंकवाद के समूल नाश के लिए बल्कि जम्मू कश्मीर में शाति व सौहार्द का वातावरण बनाए रखने के लिए भी जरूरी है। उन्होंने आतंकवाद पर काबू पाने, विभिन्न इलाकों में आम लोगों को ऑपरेशन सदभावना के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने और कोरोना संक्रमण के खिलाफ नागरिक प्रशासन के सहयोग के लिए सेना की भूमिका को सराहा। इस मौके पर चिनार कोर के कमाडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू भी मौजूद थे।