Move to Jagran APP

जम्मू कश्मीर में राजनीतिक आधार पर होंगे पंचायत उपचुनाव, अधिसूचना जारी, 5 मार्च काे होगा पहले चरण का मतदान

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख ने अभी तक हमें चुनाव संचालन के लिए अनुरोध नहीं भेजा है इसलिए हमने लद्दाख को इसमें शामिल नहीं किया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 12:58 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 02:03 PM (IST)
जम्मू कश्मीर में राजनीतिक आधार पर होंगे पंचायत उपचुनाव, अधिसूचना जारी, 5 मार्च काे होगा पहले चरण का मतदान
जम्मू कश्मीर में राजनीतिक आधार पर होंगे पंचायत उपचुनाव, अधिसूचना जारी, 5 मार्च काे होगा पहले चरण का मतदान

जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद एक बड़ी सियासी हलचल होने जा रही है। चुनाव आयोग ने प्रदेश में खाली पड़े पंच-सरपंचों के पदों पर उपचुनाव कराने की अधिसूचना आज जारी करते हुए घोषणा की है कि ये उपचुनाव आठ चरणों में करवाए जाएंगे। यही नहीं इस बार यह पंचायत उपचुनाव पूरी तरह से राजनीतिक आधार पर होंगे। पहले चरण का मतदान 5 मार्च को होगा जबकि अंतिम चरण का मतदान 20 मार्च को।

loksabha election banner

इस बात की जानकारी जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शेलेंद्र कुमार ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी। उन्होंने कहा कि इसी घोषणा के साथ आज से उन सभी जगहों पर आचार संहिता लागू हो जाएगी जहां चुनाव हो रहे हैं। इस उपचुनाव के 8 चरण होंगे। जम्मू डिवीजन में जहां यह उपचुनाव 4 चरणों होंगे जबकि कश्मीर डिवीजन में यह 8 चरणों में करवाए जाएंगे। पहला चरण 5 मार्च को, दूसरा चरण 7 मार्च, तीसर चरण 9 मार्च, चौथा चरण 12 मार्च, पांचवां चरण 14 मार्च, छठा चरण 16 मार्च, सातवां चरण 18 मार्च जबकि आठवें चरण का मतदान 20 मार्च को होगा। इनमें बेलेट बाक्स का इस्तेमाल किया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख ने अभी तक हमें चुनाव संचालन के लिए अनुरोध नहीं भेजा है, इसलिए हमने लद्दाख को इसमें शामिल नहीं किया है। वैसे भी लद्दाख अभी बर्फ से घिरा हुआ है और वहां बहुत ठंडा है। इसलिए इस समय वहां चुनाव होना संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि उपचुनाव होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पंचायती व्यवस्था मजबूत होगी। जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव दिसंबर 2018 में करवाए गए थे। नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स कांफ्रेंस के इन चुनावों का बहिष्कार करने और आतंकवादी संगठनों की धमकियों के कारण कश्मीर में कइ पंचायत हल्कों में चुनाव नहीं हो पाए थे। इसके अलावा बीडीसी चेयरमैन बनने के बाद उन सदस्यों की भी सीटें खाली हो गई हैं।

कश्मीर में 20093 पंच-सरपंच हल्कों में से 12565 खाली हैं। सिर्फ 6162 पंच और 1366 सरंपच ही चुने गए हैं। जम्मू प्रांत में 15800 पंच और 2289 सरंपचों का चुनाव हुआ जबकि पंच-सरपंच की 166 सीटें खाली हैं। लद्दाख प्रांत में 1414 पंच व 192 सरपंच सीटों के लिए चुनाव हुआ है जबकि 45 सीटें खाली पड़ी हुई हैं।

कश्मीर प्रांत में 922 सरपंच और 11774 पंच हल्के खाली पड़े हुए हैं जबकि जम्मू प्रांत में 145 सरपंच और 320 पंच हल्कों में चुनाव कराया जाएगा। बारामुला में 2310 पंच-सरपंच हल्के खाली हैं जबकि अनंतनाग में 2130, बडगाम में 2097, पुलवामा में 1588 और कुलगाम में 1353 पंच-सरपंच हल्के खाली पड़े हुए हैं। बांडीपोर में 712, गांदरबल में 731, कुपवाड़ा में 796, शोपियां में 815, श्रीनगर में 164 पंच-सरपंच हल्कों में चुनाव कराया जाएगा। जम्मू प्रांत में जिला किश्तवाड़ में 118, जम्मू में 55, रामबन में 47, कठुआ में 45, डोडा में 42, राजौरी में 41, पुंछ में 38, सांबा में 25 और रियासी जिले में 22 पंच-सरपंच हल्कों में चुनाव होना बाकी है।

जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी शेलेंद्र कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बेहतर होते हालात को देखते हुए इन रिक्त पदों को भरने के लिए उपचुनाव कराने का निर्णय लिया है। यही नहीं सभी सीटों के भरने पर पंचायतों में विकास की गति तेज होगी। इन पंचायत हल्कों के लोग भी काफी समय से रिक्त पदों को भरने की मांग कर रहे थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.