Jammu Kashmir: कश्मीर के पंचों, सरपंचों को साथ जोड़ आंदोलन का दायरा बढाएगी पंचायत कांफ्रेंस
पंचायत कांफ्रेंस के प्रधान अनिल शर्मा का कहना है कि हम जिन मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं वे सबके हैं। कश्मीर में भी ग्रामीणों को मनरेगा की दिहाड़ी नही मिली है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। ग्रामीणों के मुद्दों को लेकर आंदोलन का दायरा बढ़ाने के लिए जम्मू कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस कश्मीर के पंचों, सरपंचों को साथ जोड़ेगी। इस सिलसिले में 16 दिसंबर से बैठकों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। मनरेगा के बकाया एक हजार करोड़ रूपये जारी करने की मांग को लेकर आठ दिन तक भूख हड़ताल के बाद पंचायत कांफ्रेंस ने बीस दिसंबर से ब्लाक स्तर पर प्रदर्शन की तैयारी की है। तीन चरणों में ये प्रदर्शन मार्च महीने तक जारी रहेंगे। ऐसे में कोशिशें हो रही हैं कि यह प्रदर्शन सिर्फ जम्मू संभाग तक ही सीमित न रहें। कश्मीर के पंचों, सरपंचों का समर्थन हासिल कर ग्रामीणों के मुद्दों, सुरक्षा जैसे मुद्दों को लेकर कश्मीर में प्रदर्शन करने की तैयारी है। जम्मू कश्मीर में छब्बीस हजार के करीब पंच-सरपंच चुनाव जीतकर आए हैं। इनमें से पंचायत कांफ्रेंस के साथ जुड़े नौ हजार के करीब पंचों, सरपंचों में से करीब एक हजार ही कश्मीर से हैं।
पंचायत कांफ्रेंस के प्रधान अनिल शर्मा का कहना है कि हम जिन मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं वे सबके हैं। कश्मीर में भी ग्रामीणों को मनरेगा की दिहाड़ी नही मिली है। इसके साथ कश्मीर के पंच, सरपंच भी सुरक्षा दिए जाने का मुद्दा उठा रहे हैं। ऐसे में आठ दिन की भूख हड़ताल को कश्मीर के पंचों, सरपंचों को भी पूरा समर्थन मिला है। उन्होंने बताया कि पंचायत कांफ्रेंस से नही जुड़े कई पंच, सरपंच भी इस समय उनके संपर्क में हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे में सोलह दिसंबर से कश्मीर के पंचों, सरपंचों के साथ भी बैठकें कर आगे की रणनीति तय होगी। एकजुटता से ग्रामीणों के मुद्दों का समाधान करवाया जाएगा।
इसी बीच आगे की आंदोलन के लिए तय रणनीति के तहत पंचायत कांफ्रेंस 20 दिसंबर से ब्लाक स्तर पर एसडीएम, तहसीलदार कार्यालयों में आंदोलन शुरू करेगी। जनवरी महीने में जिला स्तर पर पंचों, सरपंचों के प्रदर्शन के बाद 3 मार्च को जम्मू में सचिवालय का घेराव किया जाए।