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पंचायत व निकाय प्रतिनिधियों का 25 लाख का बीमा, आतंकी हिंसा पीड़ित लोकतंत्र प्रहरियों के परिजनों को मिलेगा संबल

जम्मू कश्मीर में आतंकी हिंसा में पंचायतराज और शहरी निकाय से जुड़े प्रतिनिधियों का 25 लाख रुपये का बीमा किया जाएगा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2020 09:51 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 09:51 AM (IST)
पंचायत व निकाय प्रतिनिधियों का 25 लाख का बीमा, आतंकी हिंसा पीड़ित लोकतंत्र प्रहरियों के परिजनों को मिलेगा संबल
पंचायत व निकाय प्रतिनिधियों का 25 लाख का बीमा, आतंकी हिंसा पीड़ित लोकतंत्र प्रहरियों के परिजनों को मिलेगा संबल

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में आतंकी हिंसा में पंचायतराज और शहरी निकाय से जुड़े प्रतिनिधियों का 25 लाख रुपये का बीमा किया जाएगा। इसके अलावा पंचायतों को अल्पकालिक परमिट के आधार पर अपने कार्य क्षेत्र में लघु खनिजों के खनन का अधिकार भी दिया गया है। यह सभी फैसले उपराज्यपाल जीसी मुर्मू की अध्यक्षता में हुई राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) की बैठक में लिए गए। इसके अलावा एसएसी ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को कार्यालय स्थापित करने के लिए जम्मू में 13 कनाल जमीन देने के फैसले पर भी मुहर लगा दी।

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अधिकारियों के अनुसार उपराज्यपाल की अध्यक्षता में प्रशासनिक परिषद की बैठक में आतंकियों के निशाने पर आए पंचायत और शहरी निकाय प्रतिनिधियों को बीमा कवर देने का निर्णय लिया गया। पंच-सरपंचों के अलावा ब्लॉक विकास परिषद अध्यक्ष और नगर निकायों के निर्वाचित सदस्यों की भी आतंकी हिंसा में मृत्यु पर 25 लाख रुपये का बीमा लाभ मिलेगा।

उन्होंने बताया कि यह फैसला लगातार आतकियों के हमले की आशंका के बीच भी जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत बनाने में जुटे पंचायत प्रतिनिधियों और नगर निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों में सुरक्षा एवं विश्वास की भावना का मजबूत बनाने के लिए उठाया गया है। बीमा राशि उनके परिजनों के लिए एक आर्थिक गारंटी के रुप में काम करेगी।

पंचायतें दे सकेंगी एक हेक्टेयर तक खनन की अनुमति

एसएसी ने जम्मू कश्मीर लघु खनिज रियायत, भंडारण, खनिजों के परिवहन और अवैध खनन रोकथाम अधिनियम 2016 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की है। इस संशोधन के बाद सभी पंचायतें अपने कार्य क्षेत्र में 30 सितंबर तक अधिकतम एक हेक्टेयर जमीन में लघु खनिज के उत्खनन का अल्पकालिक परमिट दे सकते हैं। खनन से पूर्व पंचायतों को भूविज्ञान एवं खनन विभाग को अग्रिम रायल्टी भी नहीं देनी होगी। इसके लिए भूविज्ञान एवं खान विभाग को खनन योजना, पर्यावरण अनुमति संबंधी सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इससे पंचायतों का राजस्व बढ़ेगा और स्थानीय बाजार में निर्माण सामग्री की बढ़ती कीमतों पर भी अंकुश लगेगा।

नारकोटिक्स ब्यूरो को सिद्धड़ा में जमीन

प्रशासनिक परिषद ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को जम्मू के निकट मजीन सिद्धड़ा में जोनल कार्यालय और आवासीय परिसर के निर्माण के लिए 13 कनाल पांच मरला भूखंड आवंटित करने के प्रस्ताव भी मंजूर किया है। यह जमीन 40 साल के पट्टे पर आवंटित की जाएगी। यह फैसला जम्मू विकास प्राधिकरण के निदेशक मंडल की सिफारिश के आधार पर कानून विभाग और राजस्व विभाग की सहमति से लिया गया है।


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