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प्राकृति की गोद में बसा है जम्मू कश्मीर का यह गांव, ट्रैकर्स की है पसंदीदा जगह, आईए! यहां बिताएं सुकून के पल

पंचैरी ब्लॉक की सड़कों की दशा सुधारने के साथ पर्यटकों के लिए अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की जरूरत है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 10:49 AM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 10:49 AM (IST)
प्राकृति की गोद में बसा है जम्मू कश्मीर का यह गांव, ट्रैकर्स की है पसंदीदा जगह, आईए! यहां बिताएं सुकून के पल
प्राकृति की गोद में बसा है जम्मू कश्मीर का यह गांव, ट्रैकर्स की है पसंदीदा जगह, आईए! यहां बिताएं सुकून के पल

जम्मू, अश्विनी शर्मा : हमारे आसपास कई ऐतिहासिक-पौराणिक और प्राकृतिक स्थल हैं जहां पर्यटन की आपार संभावनाएं हैं, लेकिन हम दूरदराज क्षेत्रों के प्रसिद्ध पर्यटनस्थलों को तो तवज्जो देते हैं, पर हमारे आसपास के कई स्थल हमसे दूर हो जाते हैं। आइए हम आपको ले चलें एक ऐसे प्राकृतिक सौंदर्य से सराबोर रहने वाले स्थल पर यहां आप परिवार के साथ सुकून के पल बिता सकते हैं।

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ऊधमपुर जिले का पंचैरी ब्लॉक। जो ऊधमपुर से करीब 50 किमी. दूर है। यह ब्लॉक न सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता व जैव विविधता से भरा है। यहां कई ऐतिहासिक स्थल हैं। यही नहीं, यहां की भूमि कई रहस्यों को छिपाए है। पंचैरी की आवोहवा देख कुछ वर्षो से पर्यटक पहुंच रहे हैं, जिससे यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जगी है। इस तरह यह स्थल पर्यटन स्थल बनने की सभी मापदंडों पर खरा उतरता है। जरूरत सिर्फ सार्थक पहल करने की है। पंचैरी ब्लॉक की सड़कों की दशा सुधारने के साथ पर्यटकों के लिए अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की जरूरत है।

ट्रैकिंग और एडवेंचर्स भी :

देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले ट्रैकर्स के लिए पंचैरी पसंदीदा जगह रहा है। यहां जून-जुलाई में कई संगठनों और शिक्षण संस्थान बच्चों को लेकर ट्रेकिंग के लिए आते हैं। एडवेंचर्स टूरिज्म की भी है संभावनाएं हैं। शिवालिक पहाडिय़ों से घिरे इलाके में एडवेंचर्स टूरिज्म की भी अपार संभावनाएं हैं। पैरा ग्लाइडर्स भी पैराग्लाइङ्क्षडग हब बनाने के लिए अपनी दिलचस्पी दिखा चुके हैं।

ये स्थल हैं यहां :

मोंगरी- यहां स्थित शिव पार्वती की प्राकृतिक गुफा आस्था का प्रतीक है। प्रत्येक वर्ष मई के दूसरे सप्ताह में यहां तीन दिवसीय मेला लगता है। जिसकी प्रसिद्धि साल दर साल बढ़ रही है। इस वर्ष मेला में हजारों लोग पहुंचे हैं।

सांकरी देवता : पंचैरी के मीर पंचायत में स्थित सांकरी देवता खूबसूरत तीर्थ स्थल है। यहां प्रत्येक वर्ष जुलाई के अंतिम में या अगस्त के पहले सप्ताह में तीन दिवसीय मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से लोग आते हैं।

बेली : क्रिमची पांडव मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित बेली अपने गर्भ में प्राचीन सभ्यता का रहस्य छिपाए हुए है। यहां से हड़प्पा संस्कृति के कई अवशेष बरामद हुए हैं। रखरखाव के अभाव में यहां स्थित धरोहर बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं। परंड- मोंगरी क्षेत्र में स्थित यह गांव इतिहास का हिस्सा है। इस गांव में महाराजा गुलाब ङ्क्षसह द्वारा बनाई गई कई बावलियां और अन्य कलाकृति मौजूद है। कहा जाता है कि महाराजा गुलाब ङ्क्षसह ने जम्मू से निर्वासन के दौर में यहीं पर रहकर अपनी सैन्य शक्ति को फिर से मजबूत किया था। यहां स्थित धरोहरों को बचाने के लिए सरकारी प्रयास नहीं होने पर ग्रामीणों ने खुद अपने तौर पर पहल की है।

क्रिमची पांडव मंदिर- जिला मुख्यालय से 12 दूरी पर स्थित प्राचीन मंदिर पांडव काल का बना हुआ है। प्रकृति की गोद में स्थित मंदिर को देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से पहुंचते हैं। ये पंचैरी रूट पर है।

पर्यटकों के लिए उपलब्ध सुविधाएं : -सांकरी में डाक बंगला व टूरिस्ट हट, मोंगरी में यूथ हास्टल व डाक बंगला, कलसोत में टूरिस्ट हट व पंचैरी में डाक बंगला।

ऐसे जा सकते हैं : पंचैरी चिनैनी विधानसभा क्षेत्र में आता है। पंचैरी में बस सेवा के अलावा निजी वाहन से आप जा सकते हैं। सड़क खराब होने के कारण पंचैरी तक पहुंचने तीन घंटे लग सकते हैं।

  • -पंचैरी को पर्यटन स्थल के रूप में प्रचलित करने के लिए विभिन्न प्रयास किये जा रहे है। विभाग इसका राज्य के बाहर भी प्रचार कर रहा है। पर्यटकों के लिए पर्याप्त ढांचा उपलब्ध करवाने के लिए विशेष प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है। इसकी मंजूरी मिलते ही यहां आने वाले पर्यटकों को बुनियादी सुविधाएं मिल पाएगी। इस क्षेत्र को एडवेंचर टूरिस्ट स्थल के रूप में भी विकसित करने पर भी विचार हो रहा है। -अनुसुइया जम्वाल, डिप्टी डायरेक्टर टूरिज्म

सड़कों की हालत सुधरे

  • सड़कों की हालत सुधर जाए तो यहां कश्मीर से अधिक पर्यटक आएंगे। हालांकि उन्होंने अपने कार्यकाल पंचैरी में पर्यटन के बढ़ावे के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं। दीनानाथ भगत, चिनैनी पूर्व विधायक  

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