Jammu Kashmir: थ्री टियर पंचायती राज के गठन की तैयारी से पंच-सरपंच उत्साहित, वर्षों से उठा रहे थे ग्रामीण लोकतंत्र की मजबूती का मुद्दा
जम्मू-कश्मीर के इतिहास में पहले पंचायत राज पहले टियर के चुनाव तक सीमित रहा। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद दूसरे चरण में ब्लाक डेवेलपमेंट काउंसिल के चुनाव हुए व अब उपराज्यपाल प्रशासन में जिला विकास परिषद का गठन होने जा रहा है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर के विकास की कमान केंद्र सरकार के हाथ आने के बाद प्रदेश में थ्री टियर पंचायती राज व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में कार्रवाई से पंच, सरपंच जोश में हैं। प्रदेश के इतिहास में पहली बार पंचायत राज मजबूत होने जा रहा है।
कश्मीर केंद्रित सरकारों के ग्रामीण लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में गंभीरता से कार्रवाई नही की गई। ऐसे में पंचों, सरपंचों का संगठन जम्मू-कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस पिछले 12 सालों से यह मुद्दा उठाते हुए संविधान के 73वें संशोधन का प्रभावी बनाने का मुद्दा उठाते आ रहे थे। अब उनकी उम्मीदें पूरी होने के बाद पंच, सरपंच जिला विकास परिषदों का चुनाव करवाने में पूरा सहयोग देंगे। अगले वर्ष ये चुनाव गैर राजनीतिक आधार पर होने हैं। ऐसे में इस चुनाव में सीधे तौर पर सियासत न होने से ग्रामीणों की ही चलेगी।
पंचायत कांफ्रेंस के प्रधान अनिल शर्मा का कहना है कि ग्रामीणों को अपना विकास खुद करने की दिशा में सरकार की ओर से गंभीरता दिखाए जाने से ग्रामीण प्रतिनिधि उत्साहित हैं। वे जिला विकास परिषद के चौदह सदस्य चुनेंगे व चुने गए सदस्यों का प्रतिनिधि जिला विकास योजना बोर्ड का प्रतिनिधि बनकर थ्री टियर पंचायती राज व्यवस्था में गांवों के विकास की कमान संभालेगा।
शर्मा का कहना है कि पुरानी सरकारों ने ग्रामीणों की इस मांग को लगातार ठुकराया। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह ने अपना वादा पूरा करते हुए ग्रामीण विकास की कमान पूरी तरह से ग्रामीणों को सौंपने की तैयारी की है। ऐसे में पंचों, सरपंचों का इस मुहिम को कामयाब बनाने के लिए अपनी ओर से हर संभव सहयोग दिया जाना तय है। पहले गांवों का विकास करने के लिए बनाई जाने वाली योजनाओं में ग्रामीणों की राय नही ली जाती थी। वे अपनी मर्जी से गांवों के विकास के लिए आने वाले फंड तक इस्तेमाल नही कर सकते थे।
जम्मू-कश्मीर के इतिहास में पहले पंचायत राज पहले टियर के चुनाव तक सीमित रहा। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद दूसरे चरण में ब्लाक डेवेलपमेंट काउंसिल के चुनाव हुए व अब उपराज्यपाल प्रशासन में जिला विकास परिषद का गठन होने जा रहा है।
केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित जिला विकास परिषदों के गठन और उनके निर्वाचनण क्षेत्राें परिसीमन के लिए गत दिनों पंचायत राज अधिनियम में संशोधन किया गया था। इससे प्रदेश में संविधान का 73वां संशोधन भी पूरी तरह लागू हो गया।