Jammu Kashmir: डीडीसी सदस्यों का प्रोटोकॉल बढ़ाने का पंच-सरपंचों ने किया विरोध, पंचायत प्रतिनिधियों की अनदेखी पर आंदोलन की चेतावनी
आम जनता ने जिला विकास परिषद इसलिए चुने थे कि वे लोगों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाकर उन्हें हल करवा सके लेकिन दुख की बात है कि ये सदस्य लोगों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय अपना मानदेय बढ़ाने तथा प्रोटोकॉल के लिए प्रदर्शन करने में लगे हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता : ऑल जम्मू कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस ने जिला विकास परिषद के चेयरमैन तथा सदस्यों की तरफ से मानदेय बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर किए गए आंदोलन की कड़े शब्दों में निंदा की। आम जनता ने जिला विकास परिषद इसलिए चुने थे कि वे लोगों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाकर उन्हें हल करवा सके, लेकिन दुख की बात है कि ये सदस्य लोगों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय अपना मानदेय बढ़ाने तथा प्रोटोकॉल के लिए विरोध प्रदर्शन करने में लगे हुए हैं।
रविवार को जम्मू के आरएसपुरा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ऑल जम्मू कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस के प्रदेश महासचिव तथा सरपंच सरदार गुरदीप सिंह सैनी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में पंचायतों को मजबूत करने के लिए जो कदम उठाए गए उसका पंचायत कांफ्रेंस स्वागत करती है और साथ ही सरकार को चेतावनी देती है कि अगर जिला विकास परिषद सदस्यों का मानदेय बढ़ाया गया तो सरपंच पंच भी सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि सरपंच पंच पिछले तीन सालों से मांग करते आ रहे हैं कि उनका भी मानदेय बढ़ाया जाए लेकिन सरकार द्वारा इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया और न ही सरपंचों ने इसके लिए कोई आंदोलन किया।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से जिला विकास परिषद सदस्य अपने स्वार्थ के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उससे लगता है कि वे अपने असल मुद्दों से पूरी तरह से भटक चुके हैं। पंचायत कांफ्रेंस के प्रदेश महासचिव ने कहा कि जिला विकास परिषद सदस्यों से ज्यादा जिम्मेदारियां सरपंचों व पंचों के पास हैं और कम मानदेय के बीच भी वह अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी के साथ अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचायतों की नीव सरपंचों पंचों से शुरू होती है और फिर बीडीसी तक पहुंचती है और उसके बाद डीडीसी सदस्य आते हैं, ऐसे में सरकार को पहले नींव मजबूत करने की जरूरत है।
इस मौके पर पंचायत कांफ्रेंस के जिला प्रधान सुरजीत चौधरी ने कहा कि सरकार द्वारा लगातार सरपंचों पंचों को नजरअंदाज किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि कई विभाग सरकार द्वारा पंचायतों को दिए गए हैं लेकिन कुछ गिने-चुने विभागों के लोग ही पंचायतों में पहुंच रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जिला विकास परिषद चेयरमैन को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाता है तो बीडीसी चेयरमैन को विधायक के तौर पर देखा जाना चाहिए तथा सरपंच को उप जिला अधिकारी के तौर पर हक दिए जाने चाहिए। इस अवसर पर उनके साथ अन्य सरपंच पंच भी मौजूद रहे।