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Jammu Central Jail: जेल में रहकर भी आजाद हैं पाकिस्तानी आतंकी!

मार्च 2019 में जेल से मिले मोबाइल और ट्रांसमीटर मामले की जांच होती तो जैश अपना संचार नेटवर्क चला पाता।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 14 Apr 2020 10:36 AM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2020 10:36 AM (IST)
Jammu Central Jail: जेल में रहकर भी आजाद हैं पाकिस्तानी आतंकी!
Jammu Central Jail: जेल में रहकर भी आजाद हैं पाकिस्तानी आतंकी!

जम्मू, अवधेश चौहान। अतिसंवेदनशील कोटभलवाल जेल में आंतकी संगठन जैश के संचार नेटवर्क का पर्दाफाश होने से साफ है कि जेल में सब ठीक नहीं था। ऐसा नहीं है कि पहली बार यह सब हुआ हो। पूर्व में जेल में आतंकियों से ट्रांसमीटर व मोबाइल तक मिल चुके हैं।

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आरोप जेल अधिकारियों पर भी लगते रहे हैं पर कोई ठोस कार्रवाई हुई हो, इसका खुलासा कभी हो नहीं पाया। अगर पहले के मामलों पर ही कठोर कार्रवाई हुई होती तो निश्चित तौर पर जेलें यूं आतंकियों के लिए आरामगाह न बनी रहतीं।

आतंकवादियों को धार्मिक किताबों के बीच उनकी जरूरत की किताबें कैसे पहुंचती रही, यही वह बड़ा सवाल है। उन्हें दो जोड़ी कपड़े रखने की ही अनुमति है। जेल नियमावली के अनुसार जेल के मैन गेट से जो भी सामान अंदर जाता है, उसकी हिस्ट्री टिकट बनती है। मार्च 2019 में जेल से मिले मोबाइल और ट्रांसमीटर मामले की जांच होती तो जैश अपना संचार नेटवर्क चला पाता।

वहीं डीजी जेल वीके सिंह से इस संबध में बात की गई तो उनका कहना है कि पुलिस मामले की जांच कर रही हैं। जांच में जिन जेल अधिकारियों की मिलीभगत सामाने आएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी। जेल में पहले भी मोबाइल पकड़े और किचन का सामान बैरकों से मिलने पर उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया।

जेल में ट्रांजिस्टर से बना लेते हैं, ट्रासमीटर: जेल में ट्रांजिस्टर के जरिए आतंकवादी आसानी से इसके स्पीकरों से ट्रांसमीटर बनाने में माहिर हैं। ट्रांसमीटर की तारें इलेक्टिक बॉक्स या टीवी की तारों से कनेक्ट कर एक बैरक से दूसरे बैरकों के कैदियों से बातचीत और मोबाइलचार्ज करने का तरीका ढ़ूंढा जाता है।

दो माह पहले मिले थे चार मोबाइल: फरवरी माह में जेल के अंदर खुदाई के काम के दौरान जेसीबी मशीन के ड्राइवर के पास से चार नए मोबाइल और शराब की चार बोतलें भी मिली थीं। पुलिस स्टेशन में इस संबध में मामला तो दर्ज हुआ, लेकिन मामले की पोल न खुले इसलिए दबा दिया गया।

तीन राज्यों में भेजी गईं जांच टीमें: कोट भलवाल जेल में आतंकियों की कॉल डिटेल के आधार पर कश्मीर समेत पंजाब और दिल्ली में पुलिस की जांच टीमें भेजी गई हैं। ये टीमें उन लोगों को ट्रेस करेंगी, जिनके मोबाइल नंबरों पर आतंकियों ने बात की थी।


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